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…तो प्रेसिडेंट कलाम साहब बोले थे कि तुमने तो मेरी पोएट्री को और भी इंटरेस्टिंग बना दिया

बॉलीवुड सिंगर मोहित चौहान से पत्रिका डॉट कॉम की विशेष बातचीत

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भोपाल

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Vikas Verma

Sep 29, 2018

mohit chauhan

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भोपाल। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की कविताओं से बॉलीवुड सिंगर मोहित चौहान का पुराना नाता रहा है। मोहित बताते हैं कि एक बार मुझे 26 जनवरी पर एक टीवी प्रोग्राम के लिए जाना था तो मेरी वाइफ ने मुझे कलाम साहब की कुछ पोएट्री दी, मैंने उसको ट्यून बना दिया। प्रोग्राम में जब मैंने वो गाया तो लोगों को बहुत पसंद आया। इसके बाद मैं खुद तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम साहब से जाकर मिला और उनको कंपोज्ड पोएट्री सुनाई। वे गाना सुनकर बोले- तुमने मेरी पोएट्री को और भी इंटरेस्टिंग बना दिया। मैंने कहा कि आप मुझे अपनी पांच पोएट्री दे दीजिए मैं उसे कंपोज करना चाहता हूं, उन्होंने वो पोएट्री मुझे दी फिर हमने एक म्यूजिक कंपनी के साथ उसका 6 गानों का एक एल्बम बनाया। खून चला...., मसककली.... और रॉकस्टार फिल्म के साड्डा हक... समेत हिट गाने गा चुके बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर मोहित चौहान ने यह बातें पत्रिका डॉट कॉम से हुई विशेष बातचीत में शेयर की।

मोहित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) भोपाल के कल्चरल फेस्ट 'रेटिना-18' में सेलेब नाइट में परफॉर्म करने पहुंचे थे। रात 9.10 बजे मंच पर एंट्री हुई जवां दिलों की धड़कन सिंगर मोहित चौहान की। बस फिर क्या था.... मोहित ने जैसे ही माइक थामा भोपालाइट्स का उत्साह देखते ही बन रहा था। मोहित ने पहला गाना रॉकस्टार फिल्म से जो भी मैं कहना चाहूं... सुनाया। इसके बाद मोहित ने लोगों की जुबां पर चढ़ चुके गानें बैक टू बैक सुनाए। करीब 13 गानें सुनाने के बाद रात करीब 10.30 बजे ऐसा माहौल बना कि मोहित लोगों को 80 के दशक में ले गए और लोगों को किशोर दा के एवरग्रीन सॉन्ग सुनाए। मोहित ने ऑडियंस को बताया कि उन्होंने किशोर दा के गानें सुनकर ही गाना सीखा है। एवरग्रीन सॉन्ग की महफिल देर रात तक चलती रही और भोपालाइट्स उस मस्ती में झूमते रहे। मोहित ने कुल 20 गानें सुनाए।

सोचा था कि फौज में जाऊंगा या जियोलॉजिस्ट बनूंगा
मोहित बताते हैं कि जीविका के लिए कोई नौकरी करनी थी, साइंस में इट्रेस्ट था इसलिए बीएससी और जियोलॉजी में मास्टर्स किया। संगीत से बचपन से ही लगाव था, मैंने कहीं सीखा नहीं, संगीत मेरी लाइफ का हिस्सा था लेकिन कभी भी फिल्मों में गाना गाने के बारे में नहीं सोचा था। मैंने सोचा था कि फौज में चला जाऊंगा या जियोलॉजिस्ट बन जाऊंगा। मुझे लगा कि मुझे कुछ क्रिएटिव करना चाहिए, मैंने एनएसडी की थिएटर वर्कशॉप भी अडेंट की। पढ़ाई के बाद जब पेरेंट्स ने कहा कि क्या करना है तो मैंने कहा कि मैं कॉम्पटेटिव एग्जाम की तैयारी करना चाहता हूं। इसके बाद मैं दिल्ली अपने कजिन के पास आ गया। दिल्ली में मेरे फ्रेंड के बड़े भाई एड कंपनी में सीनियर पोस्ट पर थे मैंने कहा कि नौकरी दिलवा दो। वो बोले कि तू तो गाना गाता है यहां म्यूजिक क्यों नहीं बनाता। मैंने कहा कि मैंने तो आजतक स्टूडियो नहीं देखा। इसके बाद वो कुछ काम लेकर आए और इस तरह सफर शुरू हुआ।

जब एमएससी में था तब कंपोज किया था डूबा-डूबा... सॉन्ग
मोहित ने बताया कि तीन-चार साल बाद रिकॉर्डिंग के दौरान एक फ्रेंड बना और इस बीच कुछ म्यूजिशंस से मुलाकात हो गई। वो बंदा अपने घर पर पियानो बजाता था और मैं मस्ती में गाता था। उस टाइम लगा कि ये तो कुछ अच्छा बन रहा है। इसके बाद हिमाचल के एक फ्लूट प्लेयर से दोस्ती हुई और फिर हम तीनों मिलकर शाम को जैमिंग करने लगे। धीरे-धीरे हमारा बैंड 'सिल्क रूट' बना और हमने पहला एल्बम तैयार किया। मोहित बताते हैं कि डूबा-डूबा.... सॉन्ग जब मैं एमएससी में था तब ऐसे ही मस्ती में कंपोज किया था जो बाद में एल्बम के रूप में आया। इसके बाद दिल्ली में एक शख्स परमजीत सिंह हमारे मैनेजर बन गए और वो हमें डेमो के लिए मुम्बई लेकर आए। वहां एक म्यूजिक कंपनी ने दो एल्बम के लिए हमें साइन किया। जब लोगों ने हमारा गाना 'डूबा-डूबा' टीवी पर आने लगा तो हमें ऑफर आने लगे।

नॉन फिल्मी म्यूजिक अवॉर्ड में हुई थी रहमान सर से मुलाकात
मोहित बताते हैं कि म्यूजिशियन एआर रहमान सर से मेरी पहली मुलाकात दिल्ली में हुए एक नॉन फिल्मी म्यूजिक अवॉर्ड में हुई। इस फंक्शन में हमें चार अवॉर्ड मिले। बेस्ट साउंड ऑफ द ईयर, बेस्ट बैंड ऑफ द ईयर, बेस्ट ऑफ द ईयर और बेस्ट वीडियो ऑफ द ईयर का खिताब जीता। स्टेज पर जब हम चौथी बार अवॉर्ड लेने गए तो वो हमें देखकर मुस्कुराए और पूछा कि फिल्मों में गाया है कभी? मैंने कहा नहीं। करीब 5 साल बाद फिल्म 'रंग दे बसंती' में गाना गाने के लिए इनवाइट किया। प्रसून जोशी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं, उन्होंने हमारे बैंड के लिए भी गाना लिखा, उन्होंने कहा कि रहमान सर ने चेन्नई बुलाया है।

काश! मैं आरडी बर्मन साहब के गाना गा पाता
मोहित ने बताया कि रॉकस्टार फिल्म मेरे लिए माइलस्टोन साबित हुई क्योंकि ऐसा एक प्रोजेक्ट मिलना असंभव है जिसमें एक फिल्म के सभी 8 सॉन्ग गाने एक ही व्यक्ति को गानें को मिले। इसके चलते मुझे अपनी वॉइस रेंज दिखाने का मौका मिला। इस फिल्म के बाद से ऑलिया साहब के दरबार में मुझे आज भी गाना गाने के लिए बुलाया जाता है। मोहित का कहना है कि मैं आज के सभी बड़े म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुका हूं बस इतना सा गिला है कि आरडी बर्मन साहब के साथ काम करने का मौका मिलता तो मैं बहुत किस्मतवाला होता। क्योंकि उनके गाने सुनकर मैं बड़ा हुआ हूं और किशोर दा को सुनकर गाना सीखा है। रिएलिटी शो के बारे में मोहित ने कहा कि इसमें क्रिएटिविटी कम रहती है क्योंकि वहां दूसरों के गाए हुए गानें गाए जाते हैं। मेरा मानना है कि उनका फोकस ओरिजनैलिटी पर होना चाहिए। अगर सेल्फ कंपोज किए गए गानों को गाएं तो इंडस्ट्री को एक सच्चा और अच्छा आर्टिस्ट मिल सकेगा।

आठ साल तक चली मेरी और प्रार्थना की लवस्टोरी
अपनी लवस्टोरी के बारे में मोहित बताते हैं कि मेरी वाइफ प्रार्थना गहलोत एक नामी अंग्रेजी अखबार में जर्नलिस्ट थीं। पहली बार किसी काम के सिलसिले में उनका फोन आया था। बाद में पता चला कि वो हमारी म्यू'युल फ्रेंड भी थीं। उनका भी आर्टिस्टिक रूझान है, वो कविता भी लिखती हैं। आर्टिस्ट होने के नाते हमारी अ'छी बातचीत होने लगी। करीब 8 साल तक यह प्रेम कहानी चली और आखिरकार वर्ष 2012 में हम शादी के बंधन में बंध गए। चूंकि वो जर्नलिस्ट रहीं हैं तो मुझे हमेशा गाईड करती हैं वो मेरी क्रिटिक भी हैं। हाल ही में प्रार्थना ने फोक स्टोरी पर एक बुक क्यूरियस टेल्स ऑफ हिमालयाज लॉन्च की है। इसमें 11 लोककथाओं को कहानी का रूप दिया है। मोहित ने बताया कि इन दिनों मेरा फोकस एल्बम पर है और अभी उसकी रिकॉर्डिंग चल रही है दो महीने में गानें रिलीज करना शुरू करेंगे।