12 अक्टूबर 2020 की इस घटना में विंग कमांडर वरुण सिंह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे। उनकी लोकहित को तरजीह देने की भावना और अदम्य साहस के लिए उन्हें प्रतिष्ठित शौर्य चक्र सम्मान दिया गया है। अपनी जान की बाजी लगा देने के उनके फैसले से जहां निर्दोष लोगों की मौत होने से बच गई वहीं विमान में अचानक आई खराबी की जांच करने का सेना को मौका मिल गया।
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भोपाल के इस सपूत को शौर्य चक्र मिलने पर शहरवासी गर्व से भर उठे हैं। लालघाटी के उनके घर में खुशी का माहौल है। उनके पिता केपी सिंह खुद सेना में कर्नल रह चुके हैं। कर्नल केपी सिंह कहते हैं कि पिता के लिए इससे बड़ी कोई और खुशी नहीं हो सकती। मेरे बेटे ने मेरा मस्तक ऊंचा कर दिया है। विंग कमांडर वरुण सिंह की मां उमासिंह भी गर्वित और प्रफुल्लित हैं।
खास बात यह है कि सनसिटी कालोनी में रहनेवाले वरुण सिंह का पूरा परिवार ही सेना के प्रति समर्पित है।
पिता कर्नल रहे और उन्हें भी कई सम्मान मिले। वहीं भाई तनुज भी सेना में ही हैं। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों शौर्य चक्र सम्मान प्राप्त करनेवाले वरुण अभी निलगिरी हिल्स में टेस्ट पायलट हैं। सेना के विमान उनके मार्गदर्शन में ही उड़ान भरते हैं।