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INDIAN AIR FORCE DAY 2022: मध्यप्रदेश की इस बेटी ने ऐतिहासिक पन्नों में लिख दी अपनी इबारत

रीवा की बेटी अवनी चतुर्वेदी। यह नाम खास इसलिए नहीं है कि मध्यप्रदेश की अवनी एयर फोर्स में है बल्कि इसलिए ऐतिहासिक बन गया कि अवनी भारत की पहली ऐसी युवा महिला है, जिन्होंने फायटर प्लेन उड़ाकर अपना नाम दुनिया भर के लिए मिसाल बना दिया।

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भोपाल। भारत का गुरूर, भारत का सुरूर, भारत की ताकत कुछ ऐसे ही शब्दों से हम भारतीय सेना का स्वागत करते हैं। 8 अक्टूबर यानी भारतीय वायु सेना दिवस। हम यहां ऐसी शक्ति का दिवस मनाने के लिए फिर से तैयार है, जो अपने कारनामों और अपने दम से दुनिया के आसमां पर छाई है। खुशी की बात यह भी है कि इस मौके पर भी मध्यप्रदेश अपना अलग मुकाम रखता है। अपनी खूबसूरती, मौसम, इतिहास, परम्परा, संस्कृति के ढेरों उदाहरण बनने वाला मध्यप्रदेश यहां भी पीछे नहीं रहा। और वायु सेना के ऐतिहासिक पन्नों में अपनी इबारत भी जोड़ दी। इस इबारत में दर्ज है मध्यप्रदेश के रीवा की बेटी अवनी चतुर्वेदी। यह नाम खास इसलिए नहीं है कि मध्यप्रदेश की अवनी एयर फोर्स में है बल्कि इसलिए ऐतिहासिक बन गया कि अवनी भारत की पहली ऐसी युवा महिला है, जिन्होंने फायटर प्लेन उड़ाकर अपना नाम दुनिया भर के लिए मिसाल बना दिया।

मिग-21 से भरी थी उड़ान
फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले फाइटर जेट में पहली बार उड़ान भरी थी। जिसके बाद वे ऐसा करने वाली देश की पहली महिला बन गई थीं। मूलत: मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली अवनी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से रूस में बने मिग-21 में उड़ान भरी थी। अवनी ने बीटेक में 88 फीसदी नंबर लाकर आगे बढऩे के सपने को बड़ा कर लिया था। इसके बाद उन्हें आईबीएम में जॉब मिल गई।

और हो गया एयरफोर्स में सलेक्शन
सबकुछ कुछ अच्छा चल रहा था तभी अवनी का महज 6 महीने बाद ही उसका एयरफोर्स में सलेक्शन हो गया। अवनी हमेशा अपनी मम्मी से एक ही बात कहती थी कि 'मम्मी अगर पायलट बनने का मौका नहीं मिला और ग्राउंड स्टाफ के लिए रखा गया, तो एयरफोर्स छोड़ दूंगी।Ó लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने अपने सपनों की मंजिलों का सफर तय करते हुए सफलता के कदम चूम लिए।

पंछी की तरह उडऩा था अवनी को
अवनी के पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। इस जांबाज के भाई भी आर्मी में कैप्टन हैं। वहीं, चाचा सहित परिवार के कई सदस्य आर्मी के जरिए देशसेवा कर रहे हैं। इंडियन एयरफोर्स में शामिल होने के बाद अवनी ने बताया था कि यही कारण है कि अवनी ने आर्मी की लाइफ को करीब से देखा है और उसे यह लाइफ पसंद है। अवनी बचपन से ही पंछी की तरह उडऩा चाहती थी। उन्होंने घर में बिना किसी को बताए एयरफोर्स के लिए आवेदन दिया था। जब उनका चयन एयर फोर्स में हुआ, तभी अवनी ने घर में इसकी जानकारी दी।

कल्पना चावला को मानती हैं आदर्श

दुनिया भर को चौकाने वाली अवनी कल्पना चावला को अपना आदर्श मानती हैं। कल्पना चावला की स्पेसशिप क्रैश में मौत की खबर को टीवी पर देखकर उनकी मां रोने लगी थीं, तब अवनी ने कहा था कि मां रोइए मत। मैं अगली कल्पना चावला बनूंगी। और उन्होंने इस तरह अपने सपनों को सच कर दिखाया। बेटी की इस कामयाबी के पीछे मां अपने बेटे और अवनी के भाई को प्रेरणा बताती हैं। अवनी की तरह उनके भाई ने भी आर्मी के जरिए खुद को देशसेवा के लिए समर्पित कर दिया है।

यह भी जानना रोचक है

हमारी भारतीय सेना

भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा एयर फोर्स स्टेशन है। भारतीय वायुसेना के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक यह अपने ध्येय वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' के मार्ग पर चल रही है। इसका अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना।' वायु सेना के इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है।

भारतीय वायु सेना की ताकत
भारत की आजादी के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना कुल 5 युद्ध लड़ चुकी है। इसमें से चार जंग भारत पाकिस्तान के बीच हुईं और एक चीन के खिलाफ लड़ी गई। पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 में भारतीय वायुसेना जंग में शामिल हुई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय वायुसेना के कुछ प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना का इतिहास
भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले भारतीय वायुसेना की स्थापना हो चुकी थी। 8 अक्टूबर, 1932 को औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, इसके लिए किंग जार्ज ङ्कढ्ढ ने सेना को 'रायलÓ प्रीफिक्स से नवाजा था। हालांकि देश की आजादी के बाद जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया।

भारतीय वायुसेना दिवस मनाने की शुरुआत
भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमें सेना के अधिकारियों समेत कई दिग्गज शामिल होते हैं और आसमान में दमदार विमानों का प्रदर्शन किया जाता है।

कैसे मनाते हैं वायुसेना दिवस
हिंडन में इस दिन पुरुष और महिला पायलटों की एक परेड आयोजित की जाती है। इस समारोह में वायुसेना प्रमुख सैन्य कर्मियों को पदक से सम्मानित किया जाता है।