
Indore-Mandideep Bypass: मध्यप्रदेश में 3 हजार करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली 41 किमी. लंबी इंदौर-मंडीदीप बायपास परियोजना निरस्त हो सकती है। इस परियोजना में आने वाली जमीनों के अधिग्रहण को लेकर कई शिकायतें मिली हैं जिनके मुताबिक जो भूमि परियोजना के लिए अधिग्रहित होनी है उसमें से ज्यादातर भूमि अधिकारियों और नेताओं ने पहले से खरीद रखी है। इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) ने भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी शुरू कर दी है ऐसे में इंदौर-मंडीदीप बायपास बनाने की जरूरत ही नहीं बनती है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारी का कहना है कि इंदौर-मंडीदीप बायपास परियोजना के भूमि अधिग्रहण को लेकर शिकायतें मिलने के बाद कई सवाल उठे हैं। लोक निर्माण विभाग के चार अधिकारियों की समिति इसकी जांच के लिए बनाई गई है। इधर दूसरी तरफ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे की प्रक्रिया तेज कर दी है और इसका डीपीआर बनाने के लिए निविदा आमंत्रित की है ऐसे में सरकार की कोशिश है कि केंद्र सरकार के बजट से बनने वाले एक्सप्रेस वे में ही बायपास के हिस्से को शामिल कर लिया जाए ताकि मंडीदीप से होकर देवास-इंदौर जाने वालों को भोपाल में प्रवेश ही नहीं करना पड़े। ऐसा होने से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी भी कम तय करनी होगी।
सूत्रों का कहना है कि लगभग 41 किलोमीटर लंबे पश्चिमी बायपास में रायसेन और भोपाल जिले की लगभग 250 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होगी। जिसमें नेता, अधिकारी और बिल्डरों की भूमि शामिल है। निविदा होने के बाद भी भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाया है। आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई की जद में आए लोगों के भी निवेश इस परियोजना के क्षेत्र में सामने आए हैं। विभागीय अधिकारियों ये भी कहना है कि इस परियोजना में करीब 6 किमी. वन क्षेत्र है इसलिए विधिक परीक्षण कराया जा रहा है कि कैसे रास्ता निकाला जाए।
Updated on:
24 Dec 2024 10:17 pm
Published on:
24 Dec 2024 10:16 pm
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