
पिता ने कहा स्मार्ट फोन का ज्यादा इस्तेमाल न करो, बेटे ने हत्या कर दी
भोपाल। राज्य सरकार अब कॉलेज के विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन के बजाय उनकी क्लास स्मार्ट करना चाहती है। इसी को ध्यान में रखकर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। कॉलेजों को बजट भी इसी के आधार पर दिया जा रहा है।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई स्मार्ट फोन योजना को कांग्रेस सरकार निरंतर रखने के पक्ष में नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि पूर्व में विद्यार्थियों को दिए गए स्मार्ट फोन की क्वालिटी स्तरहीन पाई गई थी। तर्क दिया गया कि बेहतर फीचर के फोन दिए जाएंगे तो बजट बढ़ाना होगा। वित्त विभाग इसके लिए तैयार नहीं है।
इसलिए उच्च शिक्षा विभाग ने क्लास को स्मार्ट किए जाने पर ध्यान केन्द्रित किया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की कुछ क्लास को स्मार्ट बनाया जा चुका है। अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। सरकार का मानना है कि नई व्यवस्था से विद्यार्थियों की कक्षाओं के प्रति रूचि बढ़ेगी। कॉलेज का रिजल्ट भी सुधरेगा।
ऐसी है स्मार्ट क्लास -
पूरी तरह से हाईटेक इस क्लास में इंटरेक्टिव बोर्ड (टच बोर्ड), फुल प्रूफ साउंड सिस्टम शामिल हैं। इंटरेक्टिव बोर्ड में सभी फंक्शन इनबिल्ट होने के कारण इसमें आसानी से पेन ड्राइव, सीडी लगाई जा सकती है। इंटरनेक्टिव बोर्ड में इंटरनेट सुविधा होने के कारण विद्यार्थियों को किसी भी विषयों पर टॉपिक को बेहतर तरीके से आसानी से पढ़ाया जा सकता है। जरूरत पडऩे पर वे अन्य शहरों की क्लासों से भी सीधे जुड़ सकते हैं।
सरकार स्मार्ट फोन के बजाय क्लास को स्मार्ट करना चाहती है। इसलिए प्रदेश के कॉलेजों में स्मार्ट क्लास तैयार किए जा रहे हैं। इसके बेतहर परिणाम सामने आएंगे।
- जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री
Published on:
14 Dec 2019 08:35 am
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