
PM Awas Yojana (Photo Source - Patrika)
MP News: पीएम आवास योजना के तहत अपना घर पाने का सपना देख रहे राजधानी के हजारों हितग्राहियों के लिए यह योजना अब मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का सबब बन गई है। नगर निगम के प्रोजेक्ट्स की कछुआ चाल से लोग परेशान है। निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री की घटिया गुणवत्ता ने करोड़ों के भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर दिया है।
निगम ने हितग्राहियों को 2024 तक फ्लैट हैंडओवर करने का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश प्रोजेक्ट्स अभी भी अधूरे हैं। 12 नंबर बस स्टॉप प्रोजेक्ट के हितग्राही कुमार अशेष बताते हैं कि फर्श की टाइल्स से लेकर दीवारों के प्लास्टर तक में भारी खामियां हैं। सामग्री इतनी दोयम दर्जे की है कि गृहप्रवेश से पहले दिवारों में दरारें और सीलन दिखने लगी है।
रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट के हितग्राही डॉ. शैलेश मिश्रा ने बताया कि बुकिंग के समय दिखाए गए मॉडल हाउस में स्टील की रेलिंग थी, लेकिन अब वहां घटिया लोहे की रेलिंग ठोंकी जा रही है। दो निकास मार्गों का वादा हवा हो गया है और सीवेज से लेकर बिजली तक का काम अधर में लटका है।
हितग्राहियों का आरोप है कि निगम के अधिकारियों से शिकायत करने पर भी ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। मॉडल फ्लैट दिखाकर लोगों को लुभाया गया, लेकिन असल निर्माण में नियमों की अनदेखी की है। कमजोर पाइप लाइन, कमजोर वायर और उखड़ते प्लास्टर ने लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस पूरे मामले में नगर निगम के अपर आंयुक्त तन्मय शर्मा का कहना है कि गुणवत्ता की जांच समय-समय पर की जाती है और कमी मिलने पर पेनल्टी लगाई जाती है। हितग्राहियों का सवाल है कि अगर जांच हो रही है, तो निर्माण इतना असुरक्षित और घटिया कैसे है।
Published on:
26 Dec 2025 11:00 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
