scriptगाय पालने में घट रही है मध्यप्रदेश के लोगों की रुचि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़ा रुझान | interest of people of Madhya Pradesh is decreasing in rearing of cows | Patrika News

गाय पालने में घट रही है मध्यप्रदेश के लोगों की रुचि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़ा रुझान

locationभोपालPublished: Nov 01, 2019 08:46:22 am

Submitted by:

Arun Tiwari

गाय पालने में घट रही है मध्यप्रदेश के लोगों की रुचि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़ा रुझान
– केंद्र सरकार की पशुगणना की रिपोर्ट में खुलासा
– मध्यप्रदेश में भैंस और बकरी की संख्या में 38 फीसदी तक का इजाफा
 
 

unique cow shed Jamwai Jyoti Goshala Gudhagoudji Jhunjhunu

यह है अनूठी गोशाला, यहां की कई गाय हैं लखपति

भोपाल : एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार गौशाला बनाकर गायों के संरक्षण और संवर्धन की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ लोगों में गाय पालने की रुचि कम होती जा रही है। वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गायों की संख्या में इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार की पशु गणना की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। मध्यप्रदेश में गाय का स्थान भैंस और बकरियां लेती जा रही हैं। गाय की संख्या में कमी तो भैंस और बकरी की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। सरकार इस बात से चिंतित है कि तमाम प्रयासों के बाद भी लोग गाय पालने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से तो गाय को माता का दर्जा दिया हुआ है फिर लोग इससे क्यों दूर जाने लगे हैं। सरकार कारणों की पड़ताल कर उनको दूर करने का प्रयास करेगी। पशुओं की गणना हर सात साल में होती है। 2012 के बाद 2019 में ये गणना हुई है।

ये हैं गायों की संख्या के आंकड़े :

मध्यप्रदेश में 2012 में 1 करोड़ 96 लाख गायें थीं जो 2019 में घटकर 1 करोड़ 87 लाख गायें रह गई हैं। यानी 9 लाख गायें कम हो गई हैं। प्रदेश में 4.42 फीसदी गायों की संख्या में कमी आई है। वहीं राजस्थान में 2012 में 1 करोड़ 33 लाख गायें थीं जो 2019 में बढ़कर 1 करोड़ 39 लाख हो गई हैं। राजस्थान में 4.41 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश में जितने लोगों ने गाय पालने में दिलचस्पी कम की है उतने ही लोगों ने राजस्थान में गाय पालने में अपनी रुचि दिखाई है। छत्तीसगढ़ में 2012 में 98 लाख गायें थीं जो 2019 में बढ़कर 1 करोड़ हो गईं। छत्तीसगढ़ में 1.63 फीसदी का इजाफा हुआ है।

प्रदेश में बढ़ी बकरी और भैंस की संख्या :

प्रदेश में गायों के प्रति रुचि घट रही है तो बकरी और भैंस पालने में उनकी रुचि बढ़ रही है। प्रदेश में बकरी और भैंस की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। बकरियों की संख्या में 38.07 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि भैंसों की संख्या में 25.88 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा वृद्धि मध्यप्रदेश में ही हुई है। 2012 में भैंसों की सख्या 82 लाख थी जो 2019 में एक करोड़ के पार पहुंच गई है। प्रदेश में 2012 में बकरियों की संख्या 80 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख हो गई।

देशी नस्ल पर संकट :

मध्यप्रदेश में गायों की देशी नस्ल की तरफ लोगों का रुझान कम होता जा रहा है। प्रदेश में मुख्य तौर पर चार देशी नस्ल पाई जाती हैं जिनमें मालवी, निमाड़ी, ग्वालो और कैनकथा शामिल हैं। मालवी नस्ल मालवा में, निमाड़ी नस्ल निमाड़ में,ग्वालो महाकौशल और कैनकथा बुंदेलखंड में पाई जाती हैं। इनमें सबसे ज्यादा संकट कैनकथा पर है जो कि मुख्य तौर पर पन्ना में पाई जाती है, इसकी संख्या में बड़ी गिरावट आती जा रही है। सरकार इन नस्लों को बचाने का प्रयास कर रही है।

गाय के प्रति घटती दिलचस्पी के मुख्य कारण :

प्रदेश में गायों के प्रति लोगों के घटते रुझान के पीछे कुछ मुख्य कारण सामने आए हैं। गायों में दुग्ध उत्पादकता कम हो रही है साथ ही उसके दूध का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता। इसके बछड़े का भी कोई उपयोग नहीं होता। लोगों को लगने लगा है कि गाय पालना घाटे का सौदा बनता जा रहा है। जबकि भैंस के दूध की अच्छी कीमत बाजार में मिलती है। वहीं बकरों का बाजार मूल्य भी पालक को अच्छा मिल जाता है।

वर्जन :

– प्रदेश में गायों की संख्या में कमी आई है, नई पशुगणना से ये जाहिर होता है कि प्रदेश के लोगों में गाय पालने के प्रति रुचि कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण दुग्ध उत्पादकता में कमी सामने आई है। सरकार का प्रयास है कि गाय पालने के प्रति लोगों की रुचि बढ़े,उसके दूध के अच्छे दाम मिलें।
– एचबीएस भदौरिया एमडी, मप्र कुक्कुट एवं पशुधन विकास निगम –

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो