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गांजा तस्करी की मंडी बना जबलपुर

- उड़ीसा, झारखंड और आंध्रप्रदेश से पहुंच रही खेप - सालभर में 11220 किलो गांजा और 2904 पेडलर पकड़ाए

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गांजा तस्करी के मामले में जबलपुर प्रदेश की मंडी बनता जा रहा है। साल 2023 में प्रदेशभर में गांजा से जुड़े 2409 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। और इस दौरान 11220 किलो से ज्यादा गांजा पकड़ा गया है। लेकिन बता दें प्रदेश में सबसे ज्यादा गांजा की मात्रा जबलपुर में पकड़ी गई है, जहां से 1625 किलो गांजा पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक इनदिनों प्रदेश में जबलपुर इस नशे का गढ़ बनकर उभरा है। अन्य राज्यों से गांजा पहले जबलपुर सप्लाई होता है फिर उसके बाद प्रदेश के अन्य हिस्सों में खपाया जाता है।

तीन प्रदेशों से सड़क और रेलमार्ग से होती है तस्करी

प्रदेश में गांजे की तस्करी प्रमुख रूप से तीन राज्यों उड़ीसा, झारखंड और आंध्रप्रदेश से होती है। और इन प्रदेशों से मध्यप्रदेश में गांजा सड़क और रेलमार्ग से लाया जाता है। इस तथ्य का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने पकड़े गए पेडलरों का लिंक निकाला तो ज्यादातर पेडलर का इन्हीं राज्यों से कनेक्शन निकला। जिसके बाद से लगातार पुलिस इस अवैध धंधे से जुड़े मास्टमाइंडों का पता लगाने में जुटी हुई है। सूत्रों ने बताया कि गांजे के मामले में जबलपुर सबसे हॉट अड्डा है।

जबलपुर में एक साथ 2000 किलो गांजा पकड़ाया

जबलपुर में उड़िसा से हरियाणा ले जाया जा रहा चार करोड़ का गांजा अगस्त 2023 में पकड़ा गया। आपको जानकार हैरानी होगी लकड़ियों के बीच में 2000 किलो गांजा जिसकी कीमत करीब 4 करोड़ रूपए लगाई गई। इतनी भारी मात्रा में गांजा की तस्करी की जा रही थी।

गांजा की सबसे ज्यादा खपत वाले पांच जिले

जिला- मात्रा-- प्रकरण-- आरोपी

जबलपुर- 1625 किग्रा- 70–106

अनूपपुर- 906 किग्रा--28--36

कटनी--793 किग्रा--60--93

ग्वालियर-- 743किग्रा--69--84

नरसिंहपुर—694किग्रा--73--85

पुलिस की टीम लगातार सक्रिय

उड़ीसा से आने वाली गांजे की खेप छत्तीसगढ़ होते हुए जबलपुर के रास्ते यूपी की तरफ जाती है। इस लिहाजा से जबलपुर इस मामले में ज्यादा संवेदनशील है। पुलिस की टीम लगातार सक्रिय है। लगातार बड़ी कार्रवाई भी की जा रही हैं।

अमित सिंह, नारकोटिक्स डीआईजी, मध्यप्रदेश