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जेईई मेन्स : आसान पेपर ने दी स्टूडेंट्स को राहत, मैथेमेटिक्स ने उलझाया

राजधानी के तीन सेंटर्स पर हुआ जॉइंट एंट्रेस एग्जाम

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जेईई मेन्स : आसान पेपर ने दी स्टूडेंट्स को राहत, मैथेमेटिक्स ने उलझाया

जेईई मेन्स : आसान पेपर ने दी स्टूडेंट्स को राहत, मैथेमेटिक्स ने उलझाया

भोपाल। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेस एग्जाम (जेईई मेन्स) जनवरी-2020 का पेपर-1 मंगलवार को आयोजित किया गया। पेपर सुबह 9.30 से 12.30 और दोपहर 2.30 से 5.30 बजे दो शिफ्टों में हुआ। एक्सपट्र्स के अनुसार पिछले साल की तुलना में पेपर आसान रहा। 300 माक्र्स के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स तीनों सेक्शन से 25-25 क्वेश्चन पूछे गए। तीनों सेक्शन में 20-20 क्वेश्चन सिंगल आंसर करेक्ट और पांच क्वेश्चन न्यूमेरिकल बेस्ड थे। बच्चों को सही जवाब पर चार अंक और गलत जवाब पर एक अंक की नेगेटिव मार्र्किंग थी। न्यूमेरिकल बेस्ड क्वेश्चन में नेगेटिव मार्र्किंग नहीं थी।

एक्सपर्ट के अनुसार एग्जाम में इस बार 90 की जगह 75 क्वेश्चन ही पूछे गए। इस बदलाव के कारण लग रहा था कि पेपर थोड़ा टफ रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पेपर आसान रहा। बायोमोलिक्यूल, ऑप्लिटकल इंस्ट्रुमेंट, सेमी कंडक्टर इन टॉपिक्स से ज्यादा सवाल पूछे गए। केमेस्ट्री के सभी सवाल एनसीईआरटी बेस्ड रहे। इस पेपर में एवरेज परफॉर्म करने वाले बच्चे भी अच्छा स्कोर कर सकते है। साल 2019 में हुए पेपर से दो या तीन क्वेश्चन रिपीट थे।

मैथेमेटिक्स ने उलझाया

पिछले साल की तुलना में इस साल पेपर काफी आसान रहा। तीनों सब्जेक्ट्स में मैथ्स का सेक्शन लेंदी और टाइम कंज्यूमिंग रहा। वेक्टर और थ्रीडी से हमेशा दो क्वेश्चन पूछे जाते थे लेकिन इस बार तीन साल सवाल पूछे गए जबकि प्रश्नों की कुल संख्या कम हुई है। कैमेस्ट्री इन एवरी डे लाइफ से मोलिक्यूल का स्ट्रक्चर पूछा गया जो सामान्यत: नहीं पूछा जाता है। सीबीएसई से जो चैप्टर सिलेबस में से हटाएं गए उनमें से एनटीए ने कोई सवाल नहीं पूछा बल्कि ये चैप्टर एनटीए के सिलेबस में शामिल थे। फिजिक्स से कम्यूनिकेशन सिस्टम और ट्रांजिसर और कैमेस्ट्री से सॉलिड स्टेट चैप्टर सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड से हटाएं थे। केमेस्ट्री का पेपर तीनों सेक्शन में सबसे आसाना रहा। सेकंड और फस्र्ट शिफ्ट का पेपर काफी एक जैसा था। सेकंड शिफ्ट का पेपर फस्र्ट की तुलना में कम लेंदी रहा लेकिन पिछले साल की तुलना में आसान था। सेकंड में शिफ्ट में भी सीबीएसई द्वारा हटाए गए चैप्टर्स से सवाल नहीं पूछे गए। कैमेस्ट्री के ऑफ बीट चैप्टर्स जैसे बॉयो मॉलिक्यूल, पॉलिमर से भी इस बार सवाल पूछे गए।