
भोपाल। जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी (जेएलयू) के स्टूडेंट्स द्वारा आइपी रेडियो चैनल 'लेकसिटी वॉइस' और एक यू-ट्यूब चैनल का संचालन करेंगे। इंटरनेट रेडियो चैनल पर प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम स्टूडेंट्स द्वारा ही तैयार और पॉडकास्ट किए जाएंगे। वहीं करंट टॉपिक्स पर हर शाम स्टूडेंट्स अपने यू-ट्यूब चैनल पर लाइव डिबेट भी करेंगे।
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के पांच साल पूरे होने पर यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर अभिषेक मोहन गुप्त ने मंगलवार को मीडिया इंट्रैक्शन के दौरान यह बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल 2013 को जेएलयू की आधिकारिक शुरुआत हुई थी। एक संस्थान के लिए 5 वर्ष मील के पत्थर की तरह है। इस सफलता में जेएलयू के हजारों स्टूडेंट्स, फैकल्टी, पेरेंट्स एवं पार्टनर्स के साथ संस्थान से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति शामिल है।
जेएलयू ने पिछले 5 वर्षों में हजारों लोगों के जीवन पर अपना प्रभाव छोड़ा है। स्थापना दिवस के अवसर पर जेएलयू ने शाम के वक्त एक होटल में कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें स्टूडेंट्स, फैकल्टी, एलुमनाई समेत कई देश और अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स एक मंच पर आए। इस मौक पर जेएलयू लीडरशिप एडवाइजरी बोर्ड भी लांच किया गया।
सैन्य फिल्म 'दे कीप देम फ्लाइंग' प्रदर्शित
सन् 1971 के युद्ध में भारतीय वायु सेना ने जो पराक्रम दिखाया था वो भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास में विजयी अध्याय के रूप में दर्ज है। ऊंचे आसमान में कलाबाजियां करते लडाकू विमानों को पायलेट्स जिस आत्मविश्वास से उड़ाते है उसके पीछे उन इंजीनियर्स ओर तकनीशियंस का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है जिनकी वजह से मशीनरी चुस्त-दुरूस्त रहती है। भारतीय सेनाएं शारीरिक बल के साथ-साथ तकनीकी ताकत से भी युक्त है।
अति आधुनिक हथियारों का निर्माण, शोध और रख-रखाव अनुभवी तकनीशियनों के द्वारा किया जाता है। वायु सेना के तकनीशियन किस प्रकार अपने कार्य को अंजाम देते हैं तथा इनकी भर्ती कैसे होती है चयन के बाद प्रशिक्षण किस तरह दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से दिखाया गया सैन्य फिल्म 'दे कीप देम फ्लाइंग' के जरिए। इस फिल्म का निर्माण रमेश गुप्ता ने किया है।
Published on:
25 Apr 2018 07:06 pm
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