कानपुर में हुआ था जन्म
कमलनाथ का जन्म 18 नवबंर, 1946 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में में हुआ था। उनके पिता का नाम महेंद्रनाथ और माता का लीला है। कमल नाथ की शुरुआती शिक्षा भारत के सबसे मंहगे स्कूलों में से एक दून स्कूल में हुई थी। 27 जनवरी 1973 को कमलनाथ की अलका नाथ के साथ शादी हुई। कमलनाथ के दो बेटे हैं। नकुल नाथ और बुकल नाथ। नकुलनाथ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय सीट से सांसद हैं। 2019 में वो पहली बार सांसद बने हैं। इससे पहले कमल नाथ इस सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं।
कमलनाथ का जन्म 18 नवबंर, 1946 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में में हुआ था। उनके पिता का नाम महेंद्रनाथ और माता का लीला है। कमल नाथ की शुरुआती शिक्षा भारत के सबसे मंहगे स्कूलों में से एक दून स्कूल में हुई थी। 27 जनवरी 1973 को कमलनाथ की अलका नाथ के साथ शादी हुई। कमलनाथ के दो बेटे हैं। नकुल नाथ और बुकल नाथ। नकुलनाथ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय सीट से सांसद हैं। 2019 में वो पहली बार सांसद बने हैं। इससे पहले कमल नाथ इस सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं।
संजय गांधी से दोस्ती
कमल नाथ की शुरुआती शिक्षा दून स्कूल में हुई। उस समय संजय गांधी भी दून स्कूल में पढ़ाई करते थे। संजय गांधी और कमल नाथ की दोस्ती दून स्कूल में हुई थी। बताया जाता है कि संजय गांधी और कमल नाथ की मित्रता राजनीति के सुर्खियों में रहती थी। कमल नाथ के बारे में एक किस्सा है। आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। इस दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। संजय गांधी के जेल भेजे जाने पर इंदिरा गांधी, संजय गांधी की सुरक्षा, स्वस्थ्य और उनके व्यवहार के कारण चिंता में थी। इस दौरान कमल नाथ जानबूझकर उसी समय उस अदालत के जज से लड़ गए थे जिन्होंने संजय गांधी को जेल की सजा सुनाई थी। जज ने कमल नाथ को कोर्ट के फैसले की अवमानना के आरोप में 7 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया था। इस दौरान वे संजय गांधी के साथ रहे। तब से कमल नाथ और गांधी परिवार के बीच संबंध मजबूत हो गए थे। कमल नाथ को लेकर इंदरा गांधी चिंतित रहने लगीं थी और उन्हें अपने परिवार का सदस्य बना लिया था।
कमल नाथ की शुरुआती शिक्षा दून स्कूल में हुई। उस समय संजय गांधी भी दून स्कूल में पढ़ाई करते थे। संजय गांधी और कमल नाथ की दोस्ती दून स्कूल में हुई थी। बताया जाता है कि संजय गांधी और कमल नाथ की मित्रता राजनीति के सुर्खियों में रहती थी। कमल नाथ के बारे में एक किस्सा है। आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। इस दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। संजय गांधी के जेल भेजे जाने पर इंदिरा गांधी, संजय गांधी की सुरक्षा, स्वस्थ्य और उनके व्यवहार के कारण चिंता में थी। इस दौरान कमल नाथ जानबूझकर उसी समय उस अदालत के जज से लड़ गए थे जिन्होंने संजय गांधी को जेल की सजा सुनाई थी। जज ने कमल नाथ को कोर्ट के फैसले की अवमानना के आरोप में 7 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया था। इस दौरान वे संजय गांधी के साथ रहे। तब से कमल नाथ और गांधी परिवार के बीच संबंध मजबूत हो गए थे। कमल नाथ को लेकर इंदरा गांधी चिंतित रहने लगीं थी और उन्हें अपने परिवार का सदस्य बना लिया था।
इंदिरा ने कहा था तीसरा बेटा
संजय गांधी से दोस्ती होने के बाद भी कमल नाथ राजनीति में सक्रिय नहीं थे। 1980 में संजय गांधी के कहने पर उन्होंने मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। कमल नाथ के प्रचार के लिए इंदिरा गांधी खुद छिंदवाड़ा आईं थी और एक चुनावी रैली में इंदिरा गांधी ने कहा था कि राजीव औऱ संजय के बाद कमल नाथ में तीसरे बेटे हैं।
संजय गांधी से दोस्ती होने के बाद भी कमल नाथ राजनीति में सक्रिय नहीं थे। 1980 में संजय गांधी के कहने पर उन्होंने मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। कमल नाथ के प्रचार के लिए इंदिरा गांधी खुद छिंदवाड़ा आईं थी और एक चुनावी रैली में इंदिरा गांधी ने कहा था कि राजीव औऱ संजय के बाद कमल नाथ में तीसरे बेटे हैं।
9 बार सांसद रहे कमल नाथ
1980 में सांसद बनने के बाद कमल नाथ छिंदवाड़ा संसदीय सीट से 9 बार सांसद रहे। छिंदवाड़ा संसदीय सीट से कमल नाथ की पत्नी अल्का नाथ भी सांसद रहीं हैं, जबकि मौजूदा समय में कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं।
1980 में सांसद बनने के बाद कमल नाथ छिंदवाड़ा संसदीय सीट से 9 बार सांसद रहे। छिंदवाड़ा संसदीय सीट से कमल नाथ की पत्नी अल्का नाथ भी सांसद रहीं हैं, जबकि मौजूदा समय में कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं।
केन्द्र में मंत्री भी रहे
कमल नाथ केन्द्र सरकार में कई बार मंत्री भी रहे। 1991 में पर्यावरण मंत्री, 1995-1996 टेक्सटाइल मंत्रालय। 2004-2009 तक डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे। 2009 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने। 2011 में शहरी विकास मंत्री और 2012 संसदीय कार्य मंत्री भी रहे।
कमल नाथ केन्द्र सरकार में कई बार मंत्री भी रहे। 1991 में पर्यावरण मंत्री, 1995-1996 टेक्सटाइल मंत्रालय। 2004-2009 तक डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे। 2009 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने। 2011 में शहरी विकास मंत्री और 2012 संसदीय कार्य मंत्री भी रहे।
कांग्रेस के चाणक्य
कमल नाथ को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है। कमल नाथ गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। जब भी कांग्रेस किसी तरह की मुश्किलों में फंसती है। बचाव के लिए कमल नाथ सामने आते हैं।
कमल नाथ को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है। कमल नाथ गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। जब भी कांग्रेस किसी तरह की मुश्किलों में फंसती है। बचाव के लिए कमल नाथ सामने आते हैं।
कमलनाथ के पास है 187 करोड़ रु की संपत्ति
कमल नाथ ने 2018 का विधानसभा चुनाव छिंदवाड़ा से लड़ा। दिए गए शपथ पत्र के अनुसार, कमलनाथ के पास कुल 1,24,85,96,145 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जो प्रमाण पत्र दिया था उसके अनुसार, उनके पास कुल 7.09 करोड़ की चल संपत्ति है, जबकि 181 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। इसमें परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियां और ट्रस्ट भी शामिल हैं। छिंदवाड़ा जिले में 63 एकड़ जमीन के मालिक भी हैं। इसके पहले सितंबर, 2011 में 273 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ सरकार ने उन्हें देश का सबसे अमीर कैबिनेट मंत्री भी घोषित किया था। कमलनाथ मौजूदा समय में देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं।
कमल नाथ ने 2018 का विधानसभा चुनाव छिंदवाड़ा से लड़ा। दिए गए शपथ पत्र के अनुसार, कमलनाथ के पास कुल 1,24,85,96,145 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जो प्रमाण पत्र दिया था उसके अनुसार, उनके पास कुल 7.09 करोड़ की चल संपत्ति है, जबकि 181 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। इसमें परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियां और ट्रस्ट भी शामिल हैं। छिंदवाड़ा जिले में 63 एकड़ जमीन के मालिक भी हैं। इसके पहले सितंबर, 2011 में 273 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ सरकार ने उन्हें देश का सबसे अमीर कैबिनेट मंत्री भी घोषित किया था। कमलनाथ मौजूदा समय में देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं।