कोरोना संक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश भारत में 7वें नंबर पर आ गया है। कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह हो गई है। हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और लोग असमय काल कवलित हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रदेश की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। इस समय गहन और तीव्र वैक्सीनेशन अभियान की जरूरत है।
सुझाव नंबर-1
वैक्सीनेशन अभियान में उम्र के बंधन को समाप्त कर प्रदेश के प्रत्येक आमजन को कोरोना वैक्सीन निःशुल्क लगाई जाए।
सुझाव नंबर-2
कोरोना वैक्सीन की अधिक से अधिक उपलब्धता और सुरक्षित भंडारण को जल्द से जल्द बढ़ाना होगा। ताकि एंडवांस में ही वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध हो सके।
सुझाव नंबर-3
जिलों में कोरोना वैक्सीनेशन की कमी की स्थिति निर्मित हो रही है। प्रत्येक वैक्सीनेशन केंद्र से बगैर वैक्सीनेशन के कोई भी व्यक्ति वापस न जाए।
सुझाव नंबर-4
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य की सहायता लेकर घर-घर जाकर आमजन को वैक्सीनेशन केद्र तक लाने के प्रयास किए जाए, जिससे वैक्सीनेशन के अभियान को तीव्रता मिले।
सुझाव नंबर-5
रैपिड टेस्ट की संख्या और गति बढ़ाई जाए। घर-घर जाकर टेस्ट किए जाएं, इससे अधिकाधिक जनसामान्य की जांच हो सके। टेस्ट की रिपोर्ट अधिक से अधिक 8 घंटे में में आना चाहिए। ट्रेसिंग सर्वे के कार्य में भी गति लाई जाए।
सुझाव नंबर-6
निजी अस्पतालों में जांच की दरों को कम रखने और इसका कठोर व्यवस्था लागू की जाना चाहिए।
सुझाव नंबर-7
सरकार को मुफ्त उपचार की व्यवस्था भी करना चाहिए। आईसीयू, एचडीयू बेड और आक्सीजन की उपलब्धता समाप्त हो गई है। इस विषय पर तत्काल कार्यवाही आवश्यकता है, अन्यथा की स्थिति भयावह होगी।
सुझाव नंबर-8
अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसके लिए तत्काल आवश्यक निर्णय लिए जाएं। प्रदेश के ऐसे आक्सीजन प्रदाय प्लांट जो कि किसी कारण से बंद हैं, उन्हें पुनः अविलंब प्रारंभ कराया जाना चाहिए।
सुझाव नंबर-9
प्राइवेट अस्पतालों में उपचार की दरें न्यूनतम निर्धारित होना चाहिए। आमजन को मनमाने शुल्क से राहत उपलब्ध कराई जाए। यह कार्य सामाजिक सरोकार के रूप में भी किया जा सकता है।
सुझाव नंबर-10
इंजेक्शन और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सस्ती दरों पर सुनिश्चत कराई जाए। उदाहरणार्थ रेमेडेसिवर इंजेक्शन का उपयोग अनेक स्थानों पर उपचार के लिए किया जा रहा है। परन्तु यह उपलब्ध नहीं हो रहा है। कालाबाजारी की सूचनाएं भी मिल रही हैं। पर्याप्त उपचार सामग्री निश्चित दर पर उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था आवश्यक है।