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100 एकड़ पर भोपाल के आस-पास बनेगी सिटी
100 करोड़ से ज्यादा का प्रारंभिक खर्च आएगा
08 से ज्यादा बड़े म्यूजियम का निर्माण इसमें होगा
03 चरणों में धार्मिक व्याख्या कॉन्सेप्ट पर काम होगा
जतेन्द्र चौरसिया, भोपाल. कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में वैदिक सिटी बनाने का निर्णय किया है। इस वैदिक सिटी में धर्म के आरंभ से अब तक के सोपान प्रदर्शित किए जाएंगे। यहां वेद, पुराण, शास्त्र का ओरीजनल वर्जन और फिलॉसफी ऑफ हिन्दुत्व का मॉडल साकार किया जाएगा।
वैदिक सिटी भोपाल के आसपास 100 एकड़ जमीन पर पीपीपी मोड पर बनाई जाएगी। इसके लिए सीहोर और रायसेन में जमीन तलाशी जा रही है। पहले चरण में सांची, भोजपुर और सीहोर की साइंस सिटी के आस-पास की जमीन को देखा जा रहा है।
- योगी विजन को दी टक्कर
वैदिक सिटी बनाकर कमलनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को टक्कर देना तय कर लिया है। दरअसल, जून 2018 में योगी सरकार ने गढ़मुक्तेश्वर में वैदिक सिटी बनाना तय किया था। तब से वहां मलेशिया की कंपनी के साथ कागजी कवायद चल रही है। अब कमलनाथ सरकार ने वैदिक सिटी को उत्तर प्रदेश से पहले साकार करने की तैयारी कर ली है। योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के नजरिए से केवल तीर्थस्थलों के विकास को वैदिक सिटी के रूप में साकार करने की राह पर है, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इससे अलग हटकर वैदिक सिटी का विजन डॉक्यूमेंट बनाया है।
- ये होगा वैदिक सिटी में
1 - धर्म : प्राचीन पृष्ठभूमि से हिन्दुत्व की पूर्ण व्याख्या को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलग म्यूजियम रहेंगे। इसमें धर्म के विभिन्न सोपान दिखाए जाएंगे। प्राचीन योग के स्वरूप व महत्त्व बताया जाएगा। विविध वैदिक विद्याओं का प्राचीन स्वरूप भी दिखाया जाएगा।
2 - वेद-पुराण : वेद-पुराण व शास्त्र को उनके ओरीजनल वर्जन में रखेंगे। यानी यहां संस्कृत श्लोक के साथ उनकी व्याख्या और परिवर्तनों को बताया जाएगा। वैदिक शास्त्र के प्राचीनतम साधु-संत और उनकी अमरवाणी का समावेश भी आधुनिक काल तक होगा।
3- काल-कर्म : वैदिक काल को फोकस करके इसके विशेष संग्रहालय होंगे। इसमें विभिन्न चरणों में वैदिक काल के परिवर्तन, आज उनकी प्रसांगिकता और उपयोगिता बताई जाएगी। इसमें सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग व कलियुग का चित्रण भी होगा।
- कॉरपोरेट अंदाज में इंटरनेशनल कनेक्टिविटी
वैदिक सिटी का निर्माण कॉरपोरेट अंदाज में किया जाएगा। इसे धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाकर इंटरनेशनल कनेक्टिविटी में लाने के विजन पर काम होगा। इसके लिए फॉरेन फंड लाने के प्रयास हो रहे हैं, ताकि पीपीपी मोड पर इसका जल्द निर्माण हो सके। साथ ही विदेशों में बसे धार्मिक प्रवृत्ति के प्रदेशवासियों को फंडिंग के लिए जोड़ा जा सके। सरकार की कोशिश है कि इस वैदिक सिटी को पूरे देश में मॉडल के रूप में पेश करे। इसमें प्रारंभिक रूप से 100 करोड़ रुपए लगने का अनुमान है। हालांकि इसका विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।
वैदिक सिटी बनाने के कॉन्सेप्ट पर काम चल रहा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। पिछले पंद्रह साल में भाजपा हमेशा धर्म के नाम पर जनता को झूठ परोसती रही। उसने कोई काम नहीं किया, लेकिन हम रामपथ गमन, गोशाला से लेकर वैदिक सिटी तक पर काम कर रहे हैं।
- पीसी शर्मा, मंत्री, अध्यात्म विभाग
Published on:
05 Aug 2019 05:03 am
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