
Kanji House in Bhopal
भोपाल। राजधानी में सड़कों पर मवेशियों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस मामले में एनजीटी के निर्देश भी बेअसर हो गए हैं। नगर निगम न तो डेयरियों की शिफ्टिंग करा पाया है। आवारा मवेशियों को कांजीहाउस भी नहीं भेजा जा रहा है। पिछले दिनों मवेशियों के टकराने से चार बड़े हादसे हो चुके हैं।
इसलिए नहीं पकड़ रहे
मवेशियों को पकड़े की जिम्मेदारी निगम की गौसंवर्धन परियोजना की है। इन मवेशियों को सात कांजी हाउस में 15 दिन तक रखा जाता है। इसके बाद भी कोई लेने नहीं पहुंचे तो गौशालाओं में भेज दिए जाते हैं, लेकिन अब गौशाला वाले भी मवेशी लेने में आना-कानी कर रहे हैं। लगभग सभी कांजी हाउस भरे हुए हैं। अब यदि निगम मवेशी पकड़कर ले भी जाए तो उन्हें रखने की दिक्कत है।
शिफ्टिंग स्थलों पर नहीं हो पाया विकास
स ड़कों पर मवेशियों की मुख्य वजह शहर में संचालित डेयरियां हैं। इन डेयरियों को विस्थापित करने तूमड़ा, अरवलिया, दीपड़ी और कालापानी सहित सात स्थानों पर शासन ने जमीन आरक्षित की है। यहां नगर निगम को सुविधाएं जुटाना है, लेकिन बारिश के कारण विकास कार्य रफ्तार ही नहीं पकड़ पा रहा है। अरवलिया और तूमड़ा में सड़क, लाइट और पानी की व्यवस्था कर दी गई है। जबकि, दीपड़ी और कालापानी में बोरिंग ही हुई है। यहां सड़क का काम बारिश के कारण अटका हुआ है। दूसरे स्थानों पर अभी विकास कार्य शुरू ही नहीं हुआ है।
कब-कब हुए हादसे
22 अगस्त- मिसरोद-बिलखिरिया बायपास पर सड़क पर बैठे मवेशियों से बाइक टकराने से कानपुर निवासी 19 वर्षीय शिवम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि उसका साथी वीरेंद्र सिंह घायल हो गया था।
21 अगस्त- अशोका गार्डन इलाके में 80 फीट रोड पर कार शो-रूम के कर्मचारी 40 वर्षीय राकेश नागर की बाइक दिन में ही सड़क पर बैठे मवेशी से टकरा गई। हादसे में उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
13 अगस्त- छोला मंदिर निवासी नेतराम राउत की बाइक सड़क पर बैठे मवेशी से टकरा गई थी। हादसे के वक्त बाइक में बैठा उनका पांच साल का इकलौते बेटे रोहित की मौत हो गई थी।
० एनजीटी के आदेश पर डेयरी विस्थापन की साइट पर विकास कार्य किए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर बारिश के कारण परेशानी आ रही है।
एमपी सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम
Published on:
29 Aug 2017 07:46 am
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