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लता के घर में स्वर साधना नहीं होती, बेचे जातें हैं कपड़े

लता मंगेशकर का इंदौर से गहरा नाता, यहीं जन्मी थीं स्वर कोकिला

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स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर Lata Mangeshkar का देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर Indore से गहरा नाता है। लता मंगेशकर की जन्म स्थली इंदौर है और कर्म स्थली मुंबई है।
इंदौर की सिख गली Sikh Gully में 28 दिसंबर 1929 को उनका जन्म हुआ। सिख मोहल्ला इंदौर के एमजी रोड MG Road स्थित जिला अदालत के बगल में बसा हुआ है और इंदौर सहित पूरे देश में इसकी एक अलग पहचान भी है।
जिस चालनुमा घर में लता मंगेशकर का जन्म हुआ था, उस समय उस जगह को वाघ साहब का बाड़ा कहा जाता था। सात साल की उम्र तक वे इसी घर में रहीं। इसके बाद उनका परिवार महाराष्ट्र चला गया।

लताजी और उनके परिवार के महाराष्ट्र चले जाने के बाद इस घर को एक मुस्लिम परिवार ने खरीदा। यह परिवार कुछ वर्षों तक रहा और फिर बलवंत सिंह को बेच दिया। बाद में इसे नितिन मेहता Nitin Mehta ने खरीदा। मेहता ने घर का कायाकल्प करवाया और बाहरी हिस्से में कपड़े की दुकान खोली। मेहता परिवार लताजी की पूजा करता रहा है। दुकान में लताजी Lataji का म्युरल भी बनाया गया है।

वैसे तो लताजी इंदौर कम ही आती जाती थीं, मगर उनके जहन में इंदौर हमेशा जिंदा था। वे इंदौर के सराफा sarafa बाजार हो हमेशा याद करती रहती थीं। मगर सोने—चांदी और गहने—आभूषण के लिए नहीं, यहां लगने वाली चाट—चौपाटी के लिए। इंदौर के गुलाब जामुन, रबड़ी, दही बड़े उन्हें बेहद पसंद थे। इंदौर के लोगों से मिलने पर वे पूछती थीं— सराफा तसाच आहे का? यानी क्या सराफा अभी वैसा ही है।