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कॉलोनियों, बहुमंजिला भवनों के लिए शर्त, बिछानी होगी अलग-अलग ‘पाइप लाइन’

MP News: ड्यूल पाइप लाइन सिस्टम लागू करने के साथ ही हाइराइज भवनों के नीचे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी जरूरी किया जा रहा है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: भोपाल समेत मध्यप्रदेश में नई कॉलोनियों, बहुमंजिला भवनों को ड्यूल पाइप लाइन बिछाने की शर्त पर ही ले-आउट मंजूर होगा। अब पानी के लिए यहां दो अलग-अलग पाइप लाइन बिछानी होगी। एक लाइन से पेयजल आपूर्ति होगी, जबकि दूसरी लाइन से एसटीपी में ट्रीट हुआ पानी होगा जो बाथरूम में अन्य उपयोग में लिया जाएगा। इससे पानी की बचत होगी। इसके लिए टीएंडसीपी ने नियम में बदलाव किया गया है।

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होगा जरूरी

ड्यूल पाइप लाइन सिस्टम लागू करने के साथ ही हाइराइज भवनों के नीचे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी जरूरी किया जा रहा है। इससे पूरी बिल्डिंग का पानी सीधे नीचे जमीन में उतर जाएगा। ये भूजल बढ़ाने में मददगार साबित होगा। 41 इंच बारिश होने पर 1000 वर्गमीटर दायरे में बना भवन करीब दस लाख लीटर पानी जमीन में उतार देता है। शहर में इस समय करीब 600 बहुमंजिला इमारतें हैं। यानी इनसे 60 करोड़ लीटर पानी जमीन में उतारकर भूजल स्तर बढ़ाया जा सकता है। इसका संचय करने पर ये भी जरूरत पड़ने पर दूसरी लाइन से अन्य कामों के लिए आपूर्ति किया जा सकेगा।

डिजिटल कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर भी जरूरी

नए भवनों में डिजिटल कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर भी जरूरी किया गया है। यानि इंटरनेट से लेकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स, सर्वर, वाईफाई और इसी तरह की सुविधाएं कॉलोनी, इमारत में विकसित करना जरूरी, ताकि लोगों को इनका लाभ मिल सके।

जरूरतों ओर स्थितियों के अनुसार कॉलोनी विकास में नए नियमों के तहत काम किया जा रहा है। ये आमजन के लिए उपयोग ही साबित हो रहे हैं।-श्रीकांत बनोठ, आयुक्त सह संचालक टीएंडसीपी