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टिकट की आस में भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल, पर इन नेताओं के हाथ यहां भी खाली रह गए

कांग्रेस की ओर से जारी हुई लिस्ट के बाद उन नेताओं का बड़ा नुकसान देखने को मिला है, जिन्होंने टिकट की आस में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था।

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टिकट की आस में भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल, पर इन नेताओं के हाथ यहां भी खाली रह गए

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अब कुछ ही समय शेष है। ऐसे में टिकट या सम्मान की चाह में दल बदल का दौर पर राजनीतिक दलों के बीच देखने को मिल रहा है। बात कांग्रेस की करें तो पार्ची ने अबतक प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में 229 पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। हालांकि, विरोध को देखते हुए पार्टी ने अबतक तीन सीटों पर प्रत्याशियों में बदलाव भी किया है। इन सब के बाद अब सिर्फ प्रदेश के बैतूल जिले में आने वाली आमला विधानसभा सीट होल्ड पर रखी गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है। यानी कुल मिलाकर एक सीट छोड़ दें तो कांग्रेस की ओर से सारी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में उन नेताओं का बड़ा नुकसान यहां देखने को मिला है, जिन्होंने टिकट की आस में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था।

टिकट की चाह में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कोलारस से विधायक रहे वीरेंद्र रघुवंशी और निवाड़ी की रोशनी यादव को कांग्रेस से भी टिकट नहीं मिला है। हालांकि, इन दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में कांग्रेस के बेनर तले जोर शोर के साथ चुनाव प्रचार भी शुरु कर दिया था। लेकिन, गुरुवार को सामने आई कांग्रेस की सूची ने इन दोनों नेताओं की उम्मीदों पर पानी फैर दिया है।

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आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगे रघुवंशी

बता दें कि कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने डेढ़ महीने पहले भाजपा से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी से टिकट की मांग कर रहे थे। उनका टिकट तय भी माना जा रहा था, लेकिन पहली ही सूची में पिछोर विधायक केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट मिल गया। इसके बाद रघुवंशी समर्थकों ने भोपाल में विरोध भी किया। इस पर पीसीसी चीफ ने उनको जाकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने की बात कही गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ में नोंकझोंक भी देखने में आई। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि शिवपुरी से टिकट बदलकर वीरेंद्र रघुवंशी को प्रत्याशी बनाया जाएगा, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ। अब वीरेंद्र रघुवंशी अपने समाज के लोगों के साथ बैठकर आगे की रणनीति पर विचार करने की बात कह रहे हैं।

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रोशनी यादव बोलीं-अपनी बात रखेंगे

वहीं, दूसरी तरफ कुछ दिन पहले ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं रोशनी यादव प्रदेश की निवाड़ी विधानभा सीट पर दावेदारी कर रही थीं। रोशनी यादव पूर्व राज्यपाल रामनरेश की पौत्र वधू हैं। उन्हें भी कांग्रेस द्वारा प्रमुख प्रत्याशी माना जा रहा था। इसी के चलते वो बीते कई दिनों से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में अपने पक्ष में चुनाव प्रचार करने में भी जुट गई थीं। लेकिन, अचानक कांग्रेस ने इस सीट से अमित राय को टिकट दिया। रोशनी यादव ने कहा कि जिले के पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा लिख दिया है। अब शीर्ष नेतृत्व के सामने बात रखी जाएगी। पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जो पार्टी का सदस्य तक नहीं है। निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर रोशनी यादव ने जवाब दिया कि पहले हम अपनी बात रखेंगे, फिलहाल इस बारे में अभी विचार नहीं किया गया है।