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भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ। सत्र के प्रश्नकाल के आरंभ में ही हंगामा होता देख विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। विपक्ष महिला अपराध पर चर्चा कराना चाहता था। इसके बाद दोबारा सदन में पहुंचे विपक्ष के विधायकों ने फिर हंगामा कर दिया। वे धीरे-धीरे विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी की तरफ बढ़ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे।
विधानसभा का चौथा दिन शुरुआत से ही हंगामेदार रहा। विपक्षी विधायकों महिला अपराध पर चर्चा करने की बात पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस विधायक नारे लगाते हुए आसंदी तक पहुंच गए। काफी देर तक वहां खड़े होकर नारे लगाते रहे। विधानसभा अध्यक्ष उन्हें बार-बार शांत रहने का आग्रह करते रहे।
#Live
1.15 AM
-कई आरोपों के बाद कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया।
-रीवा के कोठी कम्पाउंड में कोर्ट भवन बनाए जाने का मामला भी विधानसभा में उठा। विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार कवायद कर रही है।
12.15 PM
-आश्वासन के बाद सदन में मौजूद सभी विधायक सहमत हो गए।
-स्पीकर ने महिला अपराध पर शुक्रवार को चर्चा करने का दिया आश्वासन।
-स्पीकर के सामने जमकर लगाए नारे।
-हंगामा करते हुए कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर की आसंदी को घेरा।
11.45 AM
-कांग्रेस के विधायक महिला अपराध पर चर्चा पर अड़े।
-10 मिनट के बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू।
स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा चाहता है विपक्ष
इससे पहले बुधवार को शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस महिला अत्याचार और राजधानी में हुई गैंग रेप की घटना पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराना चाहती थी, लेकिन जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो पूरे समय गर्भगृह में आकर हंगामा करते रहे। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने सब कुछ रोककर महिला अत्याचार और गैंगरेप की घटना पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग की। कांग्रेस विधायक गोंविद ङ्क्षसह ने भी इसका समर्थन किया। इस पर मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने तर्क दिया कि सदन में विधेयक आ रहा है तो फिर स्थगन की जरूरत नहीं है।
आरोपी मंत्री को बचाने का आरोप
अध्यक्ष ने भी आसंदी से कहा कि प्रश्रकाल हो जाने दीजिए फिर विचार करेंगे। इस पर सारे कांग्रेसी विधायक हंगामा करते हुए गर्भगृह में चले आए। नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही पुन: प्रारंभ होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव आठ दिन पहले दिया है, इसलिए उस पर चर्चा कराई जाए। गोंविद ङ्क्षसह ने आरोप लगाया कि सरकार के 12 साल पूरे होने पर जश्र का दिन नहीं है, काला दिन है। एक मंत्री का नाम लिए बिना उस पर हत्या का आरोपी होने का आरोप भी लगाया। गोंविद ङ्क्षसह ने कहा कि हत्या के आरोपी मंत्री को सरकार बचा रही है। हंगामे के कारण अध्यक्ष को दूसरी बार सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लगातार होता रहा हंगामा
तीसरी बार कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेसी विधायक गर्भगृह में ही नजर आए और उनका हंगामा जारी रहा। प्रश्नकाल में अरूण भीमावद और बाबूलाल गौर के ही दो सवाल हो चुके और शोरशराबे में मंत्रियों ने जवाब दिए। प्रश्नकाल के पहले एक बार फिर कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित हुई तो नेताप्रतिपक्ष और कंाग्रेसी विधायक अध्यक्ष के कैबिन के सामने धरने पर बैठने लगे। अध्यक्ष उन्हें उठाकर गतिरोध का हल निकालने अपने कक्ष में ले गए। इस बीच सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए और स्थगित कर दी गई। जब अध्यक्ष के साथ भी चर्चा में कोई हल नहीं निकला तो कांग्रेसियों ने फिर से सदन शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया। फिर वित्त मंत्री ने 15556 करोड़ 89 लाख 2399 रुपए का बजट पेश कर दिया गया।
Updated on:
30 Nov 2017 01:19 pm
Published on:
30 Nov 2017 12:07 pm
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