इस बार वैसे ही बरसात कम हुई है और ऐसे में कई जगहों पर सूखे की आशंका नजर आने लगी है। प्रदेश में इस बार अभी तक ओवरऑल करीब 10 प्रतिशत कम पानी गिरा है।
एमपी में पिछले 2-3 दिन से कहीं भी तेज बरसात नहीं हुई है। प्रदेश में मानसून का कोई भी सिस्टम प्रभावी नहीं होने के कारण ये स्थिति बनी है। इतना ही नहीं, प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भी तेज बारिश होने की संभावना कम है। इस बार वैसे ही बरसात कम हुई है और ऐसे में कई जगहों पर सूखे की आशंका नजर आने लगी है।
प्रदेश में इस बार अभी तक ओवरऑल करीब 10 प्रतिशत कम पानी गिरा है।
प्रदेशभर में औसत बारिश का आंकड़ा अभी तक करीब 26 इंच का है। जबकि मौसम विभाग के अनुसार अब तक यह आंकड़ा करीब 29 इंच हो जाना चाहिए था। इस तरह बारिश में अब तक करीब 10 प्रतिशत कमी दर्ज की जा चुकी है।
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में सबसे बुरे हाल हैं। यहां अभी तक औसत से करीब 12% कम पानी गिरा है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भी औसत से करीब 6% कम बरसात हुई है। प्रदेश के पश्चिमों जिलों बड़वानी, खरगोन व मंदसौर में सबसे कम पानी गिरा है। इन जिलों में अभी तक 20 इंच से भी कम बरसात हुई है। उत्तरी जिले ग्वालियर के ही कुछ ऐसे ही हाल हैं।
हालांकि कुछ जिलों में जबर्दस्त बरसात भी दर्ज की गई है। नरसिंहपुर में अब तक 41 इंच बारिश हो चुकी है। बारिश का यह आंकड़ा पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके अलावा सिवनी जिले में 38 इंच और मंडला तथा जबलपुर जिलों में 35 इंच बरसात हो चुकी है। प्रदेश के करीब 18 जिलों में लगभग 24 इंच बरसात रिकार्ड की जा चुकी है।
प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां सूखे का संकट पसर सकता है। प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। अगले कुछ दिनों तक मानसून के सक्रिय होने का अनुमान नहीं है जिसके कारण किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है।