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मां तुझे प्रणाम योजना फिर से हुई शुरू, प्रदेश की 200 बेटियां 2 मई को जाएंगी बॉर्डर

युवाओं को मिलेगा देश की सांस्कृतिक, रीति रिवाज और मान्यताओं को जानने का मौका

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युवाओं को मिलेगा देश की सांस्कृतिक, रीति रिवाज और मान्यताओं को जानने का मौका

भोपाल. खेल विभाग की ओर से मां तुझे प्रणाम योजना को दोबारा शुरू किया गया है। कोरोना काल के बाद से पहली बार इस योजना में प्रदेश की लाड़ली बेटियों को की सीमा की यात्रा कराई जाएगी। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि यह यात्रा 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के रूप में शुरू होगी। इसमें 2 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेटियों को हरी झंडी दिखाकर वाघा बॉर्डर की यात्रा के लिए रवाना करेंगे।

बतादें कि सशक्त भारत और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने के लिए युवाओं में देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति जागृति लाने, राष्ट्र के प्रति समर्पण और युवाओं को सेना तथा अद्र्धसैनिक बलों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से मां तुझे प्रणाम योजना की शुरुआत की गई थी। मां तुझे प्रणाम योजना 2013 से शुरू की गई थी। इसमें अब तक प्रदेश के 12 हजार 672 युवाओं को लेह-लद्दाख, कारगिल-द्रास, आरएस पुरा, वाघा-हुसैनीवाला, तानौत माता का मंदिर, लोंगोवाल, कोच्चि, बीकानेर, बाड़मेर नाथूराम- दर्रा, पेट्रापोल, तुरा, जयगांव, अंडमान निकोबार एवं कन्या कुमारी की अनुभव यात्रा कराई गई है।

लॉटरी सिस्टम से होता है युवाओं का चयन

खेल एवं युवा कल्याण विभाग की 'मां तुझे प्रणाम योजनाÓ में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से चयन कर युवाओं को विभिन्न समूहों में देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है। सीमावर्ती भूमि में शहीदों को युवाओं द्वारा अपने निवास क्षेत्र से ले जाए गए जल से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। युवाओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के रहवासियों की मदद से पशुपालन, कृषि व्यवसाय, उद्योग धंधे, सिंचाई सुविधाएं, भौगोलिक विशेषताएं, सांस्कृतिक रीति रिवाज, मान्यताएं, त्योहार आदि का भी अध्ययन किया जाता है।