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बीयू में हुआ अनोखा रिसर्च, मिल गई कैंसर की दवा

 बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में नीम की पत्तियों से एक शोध हुआ है। इसमें दावा किया जा रहा है कि ये कैंसर की रोकथाम में प्रभावी होगा। विवि के जेनेटिक्स डिपार्टमेंट में शोध के दौरान नीम की पत्तियों द्वारा जैविक विधि से सिल्वर नैनोपार्टिकल बनाए जाने की प्रक्रिया विकसित की गई है। 

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sachin gupta

Jul 15, 2017

bhopal

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गिरीश उपाध्याय. भोपाल. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में नीम की पत्तियों से एक शोध हुआ है। इसमें दावा किया जा रहा है कि ये कैंसर की रोकथाम में प्रभावी होगा। विवि के जेनेटिक्स डिपार्टमेंट में शोध के दौरान नीम की पत्तियों द्वारा जैविक विधि से सिल्वर नैनोपार्टिकल बनाए जाने की प्रक्रिया विकसित की गई है। इसके उपयोग से पता चला है कि यह नई रक्त वाहिकाएं बनने से रोकता है, जिससे ब्लड की सप्लाई प्रभावित होती है। इससे कैंसर के सॉलिड ट्यूमर में ब्लड की सप्लाई प्रभावित कर उसकी रोकथाम की जा सकती है।

शोध एमएससी की छात्रा राज सोनम बांगे्र ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रेखा खंडिया के निर्देशन में किया है। डॉ. खंडिया ने बताया, नीम की पत्तियों और सिल्वर नाइट्रेट के साथ मिक्स कर इसके नैनोपार्टिकल तैयार किए हैं। ये नैनोपार्टिकल शरीर के लिए हानिकारक नहीं हैं, क्योंकि इसमें जैविक विधि का उपयोग किया गया है। अमेरिका के एक प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल्स ने इसे प्रकाशित किया है।
मुर्गी के अंडे पर प्रयोग
रिसर्च में पाया कि जैविक विधि से बने नैनोपार्टिकल नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोकने में सक्षम है। इसका उपयोग मुर्गी के नौ से ग्यारह दिन के अंडे पर किया गया। नार्मल अंडे में जहां 42 ब्रांच पाइंट थे। इसके उपयोग के बाद सिर्फ नौ ब्रांच पाइंट शेष बचे। डॉ. खंडिया का कहना है कि अभी शुरुआती स्टेज में इसको सफलता मिली है। इसका इम्पेक्ट अधिक है।
&यह शोध कैंसर की रोकथाम में उपयोगी होगी। जब कैंसर ट्यूमर में ब्लड की सप्लाई रोक दी जाएगी तो वह सिकुडऩे लगेगा। शोध के रिजल्ट इसलिए प्रभावित करने वाले हैं क्योंकि इस पर एमएससी छात्रा ने काम किया है। -डॉ. अशोक मुंजाल, एचओडी जेनेटिक्स