mp election 2023- विधानसभा चुनाव का ट्रेंड आचार संहिता लगने की स्थिति बयां कर रहा है.....
भोपाल। प्रदेश के चुनावी रण में चुनाव आयोग की रणभेरी एक से दो दिन में बज उठेगी। आचार संहिता लगते ही सभी नए काम रुक जाएंगे। ऐसे में हर तरफ भागदौड़ मची है। एक ओर जनता से दोबारा आशीष लेने के लिए राज्य सरकार घोषणाएं और विकास कार्यों के शिलान्यास की गाड़ी पर सरपट दौड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि मंत्रालय से लेकर जिलों के कार्यालयों में बुलेट ट्रेन की गति से काम चल रहे हैं। वहीं, चुनावी मैदान में उतरने वाले दो प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के साथ एक-दूसरे पर शब्दों के बाण चला रहे हैं। इस बीच जनता के कुछ वर्ग मांगों पर मुहर लगवाने की जद्दोजहद में हड़ताल की गाड़ी पर सवार हैं। सभी के अपने रण हैं और इसे जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। पत्रिका की रिपोर्ट...।
प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों तक पहुंचने जन आक्रोश यात्रा की गति तेज कर दी है। हफ्तेभर में प्रियंका-राहुल गांधी आ चुके हैं। प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ रोज कई समाज सेक्टरों से मिल रहे हैं। सांसद दिग्विजय सिंह हर सीट तक पहुंच रहे हैं।
आचार संहिता काउंटडाउन शुरू
प्रदेश में 2008 से 2018 के विधानसभा चुनाव का ट्रेंड आचार संहिता लगने की स्थिति बयां कर रहा है। ट्रेंड यह कि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक आचार संहिता लगती रही है। हालांकि 2013 व 2018 के चुनाव में पहले सप्ताह में ही आचार संहिता लगी है। हालांकि ट्रेंड को देखने हुए एक से दो दिन में ये लग सकती है।
चुनाव आयोग: तैयारी पूरी
आचार संहिता के लिए आयोग भी व्यवस्थाओं में जुटा है। मतदाता सूची का प्रकाशन हो चुका। सर्वदलीय बैठक हो गई। मतदान केंद्रों की सूची भी तय है। निगरानी तंत्र अलर्ट पर है।
कैसा है पिछले सालों का रिकॉर्ड
- साल 2008 में 6 अक्टूबर को चुनावों का ऐलान हुआ था। 28 नवंबर को मतदान हुआ था। 11 दिसंबर को मतगणना हुई थी।
- साल 2013 में 4 अक्टूबर को चुनावों का ऐलान हुआ था। 25 नवंबर को मतदान हुआ था। 08 दिसंबर को मतगणना हुई थी।
- साल 2018 में 14 अक्टूबर को चुनावों का ऐलान हुआ था। 27 नवंबर को मतदान हुआ था। 08 दिसंबर को मतगणना हुई थी।
रफ्तार में सरकार
सबसे ज्यादा जल्दी में सरकार है। कैबिनेट में थोकबंद 118 निर्णय किए गए। बीते शुक्रवार को एक दिन में 53 हजार करोड़ के विकास कार्यों का शुभारंभ किया। सीएम शिवराज सिंह चौहान हफ्तेभर से रोज 3-4 जिलों में जाकर सौगातें दे रहे हैं। मऊगंज के बाद दो जिले मैहर व पांढुर्ना बनाए। कलेक्टर-एसपी भी तैनात कर दिए।