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देश में पहली बार होगी चीतों की शिफ्टिंग, मिलेगा नया घर

MP News: 30 माह पहले नामीबिया से भारत लाकर मप्र के पालपुर कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीतों को अब दूसरा घर मिलने जा रहा है। सब ठीक रहा तो गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में 20 अप्रेल को दो चीते छोड़े जाएंगे।

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Madhya Pradesh relocating leopards

Madhya Pradesh relocating leopards

MP News: 30 माह पहले नामीबिया से भारत लाकर मप्र के पालपुर कूनो नेशनल पार्क(Kuno National Park) में बसाए गए चीतों को अब दूसरा घर मिलने जा रहा है। सब ठीक रहा तो गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में 20 अप्रेल को दो चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे चरण में इनकी संख्या बढ़ जाएगी। यह देश के अंदर एक से दूसरे रहवास स्थल में की जाने वाली चीतों की पहली शिफ्टिंग होगी, जो पालपुर कूनो नेशनल पार्क से की जाएगी। देश के अंदर कूनो ही एकमात्र वह स्थान है, जहां चीते है। इस महत्वपूर्ण व देश के अंदर की जाने वाली पहली प्रस्तावित शिफ्टिंग को हाल ही चीता स्टेयरिंग कमेटी ने मंजूरी दी है।

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भोपाल में अहम समीक्षा बैठक

शुक्रवार को भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में चीता प्रोजेक्ट को लेकर अहम समीक्षा बैठक होगी। जिसमें चीता शिफ्टिंग समेत अन्य विषयों पर विचार होगा। सूत्रों के मुताबिक शिफ्टिंग की पूर्व से निर्धारित तारीख में बदलाव भी किए जा सकते हैं।

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मध्यप्रदेश के पास 26 चीते

अभी मध्यप्रदेश के पास 26 चीते हैं, इनमें 12 वयस्क और 14 शावक है। इन 26 चीतों में से 17 पालपुर कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में घूम रहे है, जिनमें 11 शावक और 6 वयस्क चीते शामिल है।

30 माह पहले भारत में बसाए गए थे चीते

चीतों को 2 वर्ष 7 महीने पूर्व भारत लाकर मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो में बसाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए चीतों को कूनों में छोड़ा था। उसके पूर्व देश के किसी भी राज्य में चीते नहीं थे। छत्तीसगढ़ के कोरिया में 1948 में आखिरी बार चीतों को देखा गया था। इसके बाद केंद्र ने 1952 में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था।