सरकार संभावित कॉरीडोर को चिन्हित करने के साथ उसके आस-पास के इलाके और विकास की संभावनाओं का भी अध्ययन कर रही है। इसके कुछ इलाकों में बीहड व पथरीला क्षेत्र होने के कारण विकास में दिक्कत है। इसलिए एेसा रूट चुनने की कोशिश है, जहां बड़े क्षेत्र में समतल जमीन हो और विकास के बड़े प्रोजेक्ट को भी लाया जा सके। सरकार कॉरीडोर के प्रस्ताव के साथ उसके आस-पास विकास का ब्लू-प्रिंट भी तैयार करके केंद्रीय मंत्री को देगी।
वर्तमान में दिल्ली इंड्रस्ट्रीयल कॉरीडोर से प्रदेश के जुडऩे के अच्छे रिजल्ट सरकार ने देखे हैं। इंदौर के समीप इस कॉरीडोर से जुड़े क्षेत्रों में अधिक विकास हुआ है। इसलिए कोलकाता कॉरीडोर से जुडऩे को लेकर सरकार विशेष तौर पर प्रयास कर रही है।
केंद्रीय मंत्री से प्रारंभिक रूप से कोलकाता कॉरीडोर में मध्यप्रदेश को शामिल करने पर बातचीत हुई है। अभी इसका प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। प्रदेश इससे जुड़ता है, तो विकास का नया रास्ता खुलेगा। –राजेंद्र शुक्ल, मंत्री, उद्योग विभाग, मप्र