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इधर नेताजी पुलिस से पूछ रहे अपने गुनाह, उधर चतुर्थ श्रेणी कर्मी को बना दिया पीठासीन अधिकारी!

विधानसभा चुनाव में जनता को बताना है रेकॉर्ड...

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भोपाल नीलेन्द्र पटेल की रिपोर्ट...

विधानसभा चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए नेताजी पुलिस से अपना आपराधिक रेकॉर्ड पूछ रहे हैं। दरअसल इस बार प्रत्याशियों को अपना अपराधिक रेकॉर्ड का प्रकाशन अखबारों में कराना है।

गलत जानकारी देने पर कार्रवाई होगी। आरटीआइ में अब तक 12 नेता आवेदन कर चुके हैं। इसका जिम्मा जिला विशेष शाखा को दिया है। शाखा नेताओं को प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध कराएगी। इनमें दूसरों जिलों के नेता भी शामिल हैं। दरअसल, दूसरे जिलों के कई नेताओं पर भोपाल में भी अपराध दर्ज हैं।

नेताओं को नहीं पता अपना गुनाह: कई नेताओं के अपराध की कुंडली पुलिस ने तैयार कर ली है। इनमें अधिकतर ऐसे नेता हैं, जिन्हें खुद ही अपने गुनाहों की जानकारी नहीं है।

इनमें अधिकतर केस बलवा, मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा के हैं। पुलिस ने इन्हें राजनीतिक दबाव की वजह से अब तक उजागर नहीं किया था।

नामांकन पत्र में देनी है सही जानकारी
जिले में कुल दर्ज केस, अपराध की विवेचना की स्थिति की जानकारी नेता मांग रहे हैं। इसके बाद वे कोर्ट में विचाराधीन केसों की जानकारी लेंगे। ताकि नामांकन पत्र में अपराध की सही जानकारी भर सकें।

अपराध का कराना होगा प्रकाशन
इस बार विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को अपना अपराधिक रेकॉर्ड का प्रकाशन अखबारों में कराना है। इससे मतदाता को पता चलेगा कि उक्त प्रत्याशी पर किस तरह के अपराध दर्ज हैं।

जानकारी की प्रमाणिकता की जवाबदेही खुद प्रत्याशी पर होगी। गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा।

12 जनप्रतिनिधियों के आवेदन मिल चुके हैं। इनके पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी का संकलन किया जा रहा है।
- धर्मवीर सिंह, एसपी, हेडक्वार्टर

गजब, यहां चुनाव ड्यूटी लिस्ट गड़बड़...
भोपाल में जिला निर्वाचन कार्यालय की चुनाव ड्यूटी लिस्ट गड़बड़ है। नापतौल विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब्दुल मजीद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया तो निरीक्षक दीनानाथ जायसवाल को पीठासीन अधिकारी-2 ।

लिपिक आशीष बाथम की दो बार ड्यूटी लगा दी गई है। उनके कोड दोनों जगह अलग हैं। कई तृतीय और चतुर्थ श्रेणी को पी-वन बनाया है। उनके ऊपर वाले अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी-2 बना दिया है।