
Rahul Gandhi @ Sikar Live : पीएम मोदी पर रफाल-CBI मामले में साधा निशाना, भीड़ से लगवाए चौकीदार चोर है के नारे
भोपाल। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें पूरी हो चुकी हैं। पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के चुनाव लडऩे या नहीं लडऩे का फैसला नहीं हो सका है।
अब स्क्रीनिंग कमेटी ने पांचों पूर्व सांसदों को चुनाव में उतारने या नहीं उतारने का निर्णय राहुल पर छोड़ दिया है। राहुल 28 या 28 अक्टूबर को निर्णय कर सकते हैं।
अरुण यादव को उनके प्रभाव वाली खरगौन सीट से उतारने पर विचार चल रहा है। यह सीट 15 सालों से भाजपा के पास है। इससे पहले कांग्रेस के कब्जे में थी। ये सीट वापस हासिल करने के लिए बड़े चेहरे के रूप में अरुण यादव पर दांव चला जा सकता है।
यहां से पिछला चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी रवि जोशी भी दावेदार हैं, लेकिन पार्टी को जोशी का फीडबैक सही नहीं मिला है। वे 6825 वोट से हारे थे।
यहां दो चुनाव से भाजपा के बालकृष्ण पाटीदार काबिज हैं। वे इस समय राज्यमंत्री भी हैं।
चार सांसदों को प्रारंभिक हरी झंडी
कांग्रेस की पूर्व सांसद विजय लक्ष्मी साधो, सज्जन सिंह वर्मा, प्रेमचंद गुड्डू और मीनाक्षी नटराजन का निर्णय भी राहुल के स्तर पर होना है, लेकिन इन्हें स्क्रीनिंग कमेटी की प्रारंभिक रूप से हरी झंडी मिल चुकी है।
इनमें प्रेमचंद गुड्डू अपने बेटे अजीत बौरासी को ही वापस टिकट दिलाना चाहते हैं, लेकिन पार्टी उन्हें ही बड़े चेहरे के रूप में उतारने की तैयारी में है।
इधर, चतुर्थ श्रेणी कर्मी को बना दिया पीठासीन अधिकारी
भोपाल में जिला निर्वाचन कार्यालय की चुनाव ड्यूटी लिस्ट गड़बड़ है। नापतौल विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब्दुल मजीद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया तो निरीक्षक दीनानाथ जायसवाल को पीठासीन अधिकारी-2 ।
लिपिक आशीष बाथम की दो बार ड्यूटी लगा दी गई है। उनके कोड दोनों जगह अलग हैं। कई तृतीय और चतुर्थ श्रेणी को पी-वन बनाया है। उनके ऊपर वाले अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी-2 बना दिया है।
Published on:
26 Oct 2018 10:09 am
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