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चुनाव से पहले जानिये कहां कितने सक्रिय हैं माननीय

जाने अपने सांसदों का हाल...

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चुनाव से पहले जानिये कहां कितने सक्रिय हैं माननीय

भोपाल। MP में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है। इसके ठीक बाद मिशन-2019 यानी आम चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। ऐसे में सांसदों के लिए विधानसभा चुनाव भी अहम है, क्योंकि क्षेत्र में उनकी पार्टी का प्रदर्शन ही उनका भविष्य तय करेगा।

'पत्रिका' ने प्रदेश के सभी 29 सांसदों की पड़ताल की है। कुछ विधानसभा चुनाव में जुटे हैं। कई सांसद तो विधायक का चुनाव लडऩे के जुगाड़ में हैं। भाजपा और कांग्रेस की बागडोर भी दो सांसद राकेश सिंह और कमलनाथ के हाथ में है।

भोपाल : आलोक संजर (भाजपा)
विधानसभा चुनाव के लिए उभरा नाम (68.5प्रतिशत मिले थे वोट )
आलोक अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। हर दिन सुबह तीन घंटे जनता से मुलाकात करते हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर हो रहे पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी व्यस्तता बढ़ गई है।

पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी पूरे साढ़े चार साल बनी रही। हालांकि, कार्यकर्ताओं के काम नहीं कराने के कारण उनसे उनकी ही टीम का एक धड़ा नाराज है। ये नाराजगी दूर करने के लिए आलोक लगातार काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भी उनका नाम उभर रहा है। लोकसभा के दावेदार भी हैं।

मुरैना -श्योपुर: अनूप मिश्रा (भाजपा)- (मिले थे वोट 44.2प्रतिशत)
अब विधानसभा पर नजर
ग्वालियर जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़कर भाजपा सरकार में मंत्री रहे अनूप मिश्रा 2013 में भितरवार से विधानसभा चुनाव हारे थे। फिर 2014 में मुरैना से लोकसभा का चुनाव जीते। अनूप एक बार फिर विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।

उन्होंने पिछले छह महीने में ग्वालियर शहर में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। अनूप अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना-श्योपुर में दौरे कम ही कर रहे हैं। ग्वालियर से मुरैना पहुंचे अनूप यहां की स्थानीय राजनीति में रच-बस नहीं पाए।

हरदा-बैतूल : ज्योति धुर्वे (भाजपा) (63.1प्रतिशत मिले थे वोट )
अब पार्टी के कार्यक्रमों में लगा रहीं हाजिरी
संगठन की बैठकों और कार्यक्रमों में कभी-कभार दिखने वाली ज्योति अब पार्टी और सामाजिक कायक्रमों में हाजिरी लगा रही हैं। ज्योति की सक्रियता चुनाव आते ही बढ़ गई है।

ज्योति ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय शाह को 3.28 लाख वोटों से हराया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता से दूरियां बढऩे के कारण क्षेत्र में उनकी पूछपरख कम होती गई। उन्होंने सक्रिय राजनीति से पुन: जुडऩे के लिए दौड़-भाग शुरू कर दी है। ज्योति लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।


रतलाम : कांतिलाल भूरिया (कांग्रेस) (50.19प्रतिशत मिले थे वोट )
बेटे के लिए तैयार कर रहे जमीन
रतलाम लोकसभा सीट पर उपचुनाव जीतने के बाद से कांतिलाल भूरिया ने अपना क्षेत्र पकड़ रखा है। प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए दिन-रात एक किए हुए है, लेकिन भूरिया उसके किसी मंच पर भोपाल में नहीं दिखे।

वे रतलाम-झाबुआ के आदिवासी बेल्ट में दौरे करते रहते हैं। उनके बेटे विक्रांत भूरिया विधानसभा चुनाव में दावेदार हैं। इस कारण उसके लिए सीट पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा साढ़े चार साल में भूरिया ने आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने पर ही जोर दिया है। कांतिलाल यहां लोकसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया से जीते थे।