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महाराष्ट्र को हाईकोर्ट का आदेश; निर्बाध रखे ऑक्सीजन की आपूर्ति

- सप्लाई रोकने संबंधी नोटिफिकेशन पर लगाई रोक- प्रदेश सरकार ने भिलाई से भी किया ऑक्सीजन का करार

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इंदौर/भोपाल. हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश में हर हाल में मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखे। कोर्ट ने महाराष्ट्र के 30 मार्च 2021 के उस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगा दी है, जिसके तहत महाराष्ट्र में बनने वाली मेडिकल ऑक्सीजन का 80 फीसदी हिस्सा वहीं के अस्पतालों को देना है।
कोर्ट ने यह फैसला इंदौर के शासकीय एमवाय अस्पताल की ओर से पिछले वर्ष सितंबर में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद सुनाया। महाराष्ट्र ने 7 सितंबर 2020 को ऑक्सीजन पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का संकट जल्द खत्म होने की उम्मीद है।
- लगातार बढ़ रही मांग
अस्पताल प्रबंधन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है। 5 अप्रेल को 102 टन की जरूरत थी जो 15 अप्रेल तक बढ़कर 240 टन प्रतिदिन होने का अनुमान है। जिस गति से मरीज बढ़ रहे हैं अप्रेल अंत तक प्रतिदिन 413 टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी, इसलिए आपूर्ति रोकने से कई लोगों की जान पर बन सकती है।
- भिलाई से हर दिन आएगी 60 टन ऑक्सीजन
प्रदेश सरकार ने बुधवार को भिलाई स्टील प्लांट से 60 टन ऑक्सीजन रोज सप्लाई करने का करार किया है। पहली खेप अगले एक-दो दिन में मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा करीब 200 टन ऑक्सीजन अन्य राज्यों से बुलाई जा रही है। वहीं, भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जिले में चल रहे प्लांट ऑक्सीजन 24 घंटे चालू रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक अभी प्रदेश में प्रतिदिन 130 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, जबकि 224 टन उपलब्ध है। इसमें से 140 टन गुजरात और उत्तर प्रदेश से आ रही है।

- इलाज की सारी व्यवस्थाएं करेंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हम इलाज की सारी व्यवस्थाएं बनाएंगे। कल मैंने तय किया था हम 36 हजार बिस्तर करेंगे, आज मैंने फिर टीम के साथ बैठक कर निर्णय किया कि बिस्तरों की संख्या 1 लाख की जाएगी। बाकी मैनेजमेंट कमेटी जहां वायरल ज्यादा है, उस पर बैठक कर विचार करें।


- नए बढ़ाए जा रहे कुछ बिस्तर कोविड केयर सेंटर में होंगे। ये सेंटर हर जिले में बनेंगे।
- इंदौर और बाकी शहरों में जहां संभव है, वहां निजी अस्पतालों की क्षमता का उपयोग भी सरकार करेगी।
- नि:शुल्क उपचार में कई बिस्तर पहले से भरे हुए हैं, जहां गुंजाइश है वहां हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
- ऑक्सीजन की सप्लाई का कोई संकट नहीं है, हम व्यवस्थाएं बना रहे हैं।
- भिलाई से हमें ऑक्सीजन मिलना शुरू हो गया है।
- सरकारी स्तर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी दूर करने हम खरीदी कर रहे हैं।
- दवाइयों की कोई कमी ना रहे इसका भी समुचित प्रबंध किया जाएगा।