
प्रधानमंत्री को जनता से सीधे जोड़ती मन की बात
भोपाल। राज्यपाल ने मंगुभाई पटेल ने कहा कि लोकतांत्रिक राज व्यवस्था में प्रधानमंत्री को सीधे जनता से जोडऩे का अद्भुत प्लेटफार्म मन की बात कार्यक्रम है। पीएम मोदी असाधारण प्रतिभा सम्पन्न, सार्वभौमिक रूप से धनी वक्ता हैं, जो लोगों की बारीकियों पर ध्यान देते हैं। मनोभावों को समझ कर, उनसे सीधा संपर्क कायम कर लेते हैं। यही कारण है कि आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वाधिक प्रिय और विश्व के अद्वितीय राजनेता के रूप में उनकी पहचान बनी है। मन की बात के श्रोताओं को मोदी जी के द्वारा नि:स्वार्थ भाव से काम करने, बदलाव लाने वालों की कहानियों को सुन कर, सेवा कार्यों, नवाचार की प्रेरणा और आत्मबल मिलता है।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात (Mann Ki Baat) के 100वें एपिसोड की विशेष स्क्रीनिंग कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। कार्यक्रम में पद्म पुरस्कार से सम्मानित और मन की बात में उल्लेखित विभूतियों एवं आमंत्रित गणमान्य अतिथियों के साथ राजभवन में शामिल हुए।
प्रारंभ में पीआइबी भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठरावे ने मन की बात के 100 वें एपिसोड के प्रसारण कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। दूरदर्शन केंद्र भोपाल की कार्यालय प्रमुख नवनीत कौर ने आभार माना। इस मौके पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव संजीव कुमार झा, सदस्य, सचिव राजभवन जनजातीय प्रकोष्ठ बी. एस. जामोद, राज्यपाल के उपसचिव स्वरोचिष सोमवंशी, राज्य एवं केंद्रीय सेवा के अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
पद्म पुरस्कार से सम्मानितों को स्मृति-चिन्ह
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम के बाद राजभवन आए प्रदेश के पद्म पुरस्कार से सम्मानितों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए। पद्म पुरस्कार से सम्मानित विजय दत्त श्रीधर, डॉ. जनक पलटा, शांति परमार, रमेश परमार, भूरी बाई और कैलाश मड़बैया शामिल थे। राज्यपाल ने मन की बात में मध्यप्रदेश के उल्लेखित प्रसंगों से सम्बद्ध विभूतियों को कार्यक्रम के बाद राजभवन में स्मृति-चिन्ह प्रदान किए।
प्रदर्शनी का शुभारम्भ -
राज्यपाल ने कार्यक्रम के बाद सांदीपनि सभागार में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी आजादी के अमृत महोत्सव, नया भारत बदलता भारत तथा प्रधानमंत्री की मन की बात में मध्यप्रदेश के उल्लेखित प्रसंगों की विभूतियों की उपलब्धियों पर केंद्रित है। दो दिवसीय प्रदर्शनी 30 अप्रैल एवं 1 मई को दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक आमजन के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।
Published on:
30 Apr 2023 10:29 pm
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