- जाता मानसून भीगा कर जाएगा मप्र के कई हिस्से
भाेपाल। जाता हुआ मानसून एक बार फिर मध्यप्रदेश के कुछ हिस्साें काे भिगाेकर जाता दिख रहा है। दरअसल जानकाराें की माने ताे मध्यप्रदेश से इसी महीने या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मानसून अलविदा कह देगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भी अगले दो से दिन में मध्य भारत से मानसून के विदाई की स्थितियां बनना शुरू हो जाएगी।
ऐसे में इंदौर में जहां अगले दो दिन तक हल्के बादल ही छाए रहने का अनुमान है। वहीं इंदौर से अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में मानसून विदा होने का अनुमान है। इस वर्ष मानसून के अपने निर्धारित समय पर ही विदा होने की संभावना है। इंदौर में इस वर्ष मानसून सीजन में सबसे अधिक बारिश हुई है। मौसम क्या है बता भी इंदौर में अगले कुछ दिनों तक वर्षा की गतिविधियों में कमी आएगी। सिर्फ हल्की छुटपुट वर्षा ही होने की संभावना है।
इंदौर का माैसम- मंगलवार सुबह शहर में हल्के बादल छाए रहे और धूप खिली। सुबह के समय हल्की ठंड का असर रहा, वहीं धूप निकलने के बाद ठंड का असर कम हुआ। गौरतलब है कि शहर में सोमवार को बादल छाए रहे और दिन में धूप भी निकली। दिन में अधिकांश समय हवाएं शांत रही।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इंदौर में अगले दो दिन हल्के बादल ही छाए रहेंगे और तापमान सामान्य के आसपास बना रहेगा। सोमवार को शहर में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 31 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती घेरा बना हुआ। इसके प्रभाव से अगले एक से दो दिन प्रदेश के दक्षिणी हिस्सा जिसमें छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बैतूल, खंडवा, खरगाेन, झाबुआ में कही-कही हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होगी।
ग्वालियर का माैसम- सोमवार को चक्रवातीय घेरा खत्म होने के बाद ग्वालियर में तेज धूप निकल आई। इससे दोपहर में उमस भरी गर्मी ने लाेगाें काे पसीने से तरबतर कर दिया। उमस के कारण शाम को स्थानीय प्रभाव से हल्की वर्षा हुई, जिससे कुछ राहत मिल गई। मौसम विभाग के अनुसार 27 सितंबर को आसमान साफ रहेगा। तेज धूप निकलने से उमस रहेगी। माह के अंत तक इसी तरह का मौसम रहेगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में और वर्षा हाे सकती है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना दिख रही है।
पिछले पांच दिनों से शहर में वर्षा व बादलों के चलते तेज धूप नहीं निकल रही थी। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे बना हुआ है, जिससे दिन में उमस से राहत थी। यह वर्षा कम दबाव के क्षेत्र व चक्रवातीय घेरे की वजह से हो रही थी। चक्रवातीय घेरा आगरा होते हुए दिल्ली की ओर निकल गया। जिससे इसका असर खत्म हो गया, ऐसे में धूप निकल आई। हवा में जो नमी थी, उसने धूप के कारण उमस काे बढ़ा दिया। लाेग दिन भर उमस से बेहाल हाेते रहे। अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 0.8 डिसे कम रहा।
पश्चिमी विभोभ सक्रिय, जिससे आ रही नमीः
- जम्मू कश्मीर में पश्चिमी विक्षाेभ भी सक्रिय है। इसके असर से हवा में नमी आ रही है। इस कारण स्थानीय प्रभाव से वर्षा के आसार रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ दो दिनों तक रहने वाला है। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में चक्रवातीय घेरा भी बना हुआ है।
- राजस्थान में मानसून की विदाई की अनुकूल परिस्थिति बनी है। इससे राजस्थान से जल्द ही मानसून की विदाई होगी। जबिक ग्वालियर-चंबल संभाग में अभी समय लगेगा।
जबलपुर का माैसम- जबलपुर शहर के पारे में इन दिनाें उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। बारिश के दौर में पारा जहां नीचे गिरा, वहीं बारिश थमने के बाद इसमें उछाल भी दर्ज किया गया। बारिश पिछले कुछ दिनों से थमी हुई है फिर भी मौसम का मिजाज नरम बना हुआ है।
मंगलवार को सुबह धूप खिली रही और मौसम पूरी तरह से खुला नजर आया। दिन के तापमान में 0.6 डिग्री सेल्सियस तो रात के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है। सुबह और रात में हवा में हल्की सी ठंडक घुली हुई महसूस की जा रही है। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर सहित संभाग में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
भाेपाल का माैसम- वहीं जानकाराें का मनना है कि राजधानी भाेपाल में भी बादलाें की आवाजाही अभी बनी रहेगी, जिसके चलते कभी धूप ताे कभी आसमान में केवल बदलाें के दर्शन जैसा माहाैल बना रहेगा। इस दाैरान भाेपाल में भी कुछ जगह छीटपुट बारिश देखने काे मिल सकती है।