
भोपाल। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकॉस्ट) वन विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के वनों की बायोमास की मैपिंग करेगा। इस मैपिंग से मिले परिणाम का केलीब्रेशन और वेलीडेशन (मिलान) जनवरी-2024 में लॉन्च होने वाले निसार सैटेलाइट डाटा से किया जाएगा। यह सैटेलाइट नासा इसरो सिंथेटिक अर्पचर राडार (निसार) प्रोजेक्ट का हिस्सा है।मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जीडी बैरागी ने बताया कि सैटेलाइट में मुख्य रूप से दो बैंड (एल और एस) भेजे जा रहे हैं। एक हेक्टेयर के प्लॉट्स से प्राप्त किए गए डेटा का मिलान सैटेलाइट के एल बैंड सेंसर के माध्यम से किया जाएगा। यह मध्यप्रदेश के लिए वन बायोमास आंकलन के लिए उपयोगी होगा।
होशंगाबाद जिले को बनाया साइड
डॉ. बैरागी ने बताया कि यह काम मेपकास्ट और इसरो की टीम साथ करेगी। मैपिंग के लिए होशंगाबाद जिले को चिन्हित किया है। यहां एक हेक्टेयर के 10 प्लॉट्स पर स्थायी तौर पर मैपिंग का काम होगा। इसमें पेड़ की ऊंचाई, मोटाई, शाखाओं की गिनती आदि को नापकर बायोमास निकालेंगे। इस काम के लिए इसरो और नासा की टीम के विशेषज्ञ भोपाल आए। इसमें नासा से छह और इसरो से दो विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उपयोग वन और पर्यावरण संरक्षण में होगा।
उज्जैन में विक्रम विवि परिसर में आकर लेगा महाकाल संस्कृति वन
वन विभाग प्रदेश के चार शहरों में अप्रेल से संस्कृति वन निर्माण का काम शुरू करेगा। पहले चरण में खजुराहो, भोपाल, उज्जैन और चित्रकुट में गुजरात की तर्ज पर संस्कृति वन बनाए जाएंगे। विभाग चार शहरों के लिए एक-एक करोड़ का फंड जारी करेगा। जून में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनका भूमिपूजन कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट से एप्को को भी जोड़ा गया है। एप्को इसके लिए 20 करोड़ का फंड देगा। राजधानी में लिंक रोड नंबर-3 पर 18 हेक्टेयर में फैले श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति उपवन में संस्कृति वन तैयार किया जाएगा। यहां 5 हेक्टेयर क्षेत्र में वन क्षेत्र बनेगा। इसी तरह खजुराहो में 6.8 हेक्टेयर और चित्रकुट में 7 हेक्टेयर क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। उज्जैन में विक्रम विवि परिसर में 13 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को दी जा रही है। यहां महाकाल संस्कृति वन तैयार किया जाएगा।
Published on:
30 Mar 2023 10:36 pm
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