छात्रों का आरोप, मंडल सोशल मीडिया पर करते हैं जाति विशेष के लोगों को टारगेट कर पोस्ट
भोपाल/ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में छात्र पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं। छात्रों का आरोप है कि दिलीप मंडल सोशल मीडिया पर जातिगत पोस्ट करते हैं। वह किसी खास जाति वर्ग के लोगों को टारगेट कर पोस्ट करते हैं। उन्हें विश्वविद्यालय से बर्खास्त किया जाए। गुरुवार को छात्र कुछ ज्यादा ही एग्रेसिव हो गए। उसके बाद पुलिस ने छठवीं मंजिल से घसीटते हुए लाई।
दरअसल, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्याल में एडजंक्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल को हटाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों को आपत्ति उनके सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर है, जिसमें दिलीप मंडल ने खास जाति के लोगों को टारगेट कर टिप्पणी की है। छात्रों का कहना है कि वह एक खास विचारधारा से ग्रसित हैं। वह लगातार किसी खास वर्ग को टारगेट कर ट्वीट करते रहते हैं। छात्रों का आरोप है कि वह यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच भी जातिगत भेदभाव कर रहे हैं।
खास वर्ग को लेकर ज्यादातर ट्वीट
वहीं, दिलीप मंडल के ट्विटर प्रोफाइल पर जाएंगे तो आपको सवर्ण और ब्राह्मण जाति के खिलाफ ज्यादातर ट्वीट मिलेंगे। छात्रों की आपत्ति इस पर है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के बाहर भी यहां काम करने वाले लोगों को विश्वविद्यालय के गरिमा का ख्याल रखना होगा। वे पिछले कई महीनों से ऐसे ट्वीट कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि हमलोग सिर्फ दिलीप मंडल की बर्खास्तगी चाहते हैं।
दिलीप मंडल की सफाई
छात्रों के हंगामे पर दिलीप मंडल ने ट्वीट कर सफाई भी दी है। मंडल ने लिखा कि आरएसएस के बगलबच्चा संगठन एबीवीपी से निवेदन है कि मेरी किन ट्वीट से उनकी आत्मा को कष्ट पहुंचा है, ये बताएं। ज्यादा तकलीफ हो गई हो, तो मानहानि का मुकदमा कर दें। मैं तार्किक व्यक्ति हूं। मैं आपत्ति पर विचार करने के लिए तैयार हूं। लेकिन गुंडागर्दी और हिंसा की वजह से कुछ नहीं हटेगा।
कुलपति ने बनाई जांच कमेटी
वहीं, छात्रों के हंगामे के बाद कुलपति दीपक तिवारी और सभी विभागाध्यक्षों ने छात्रों से बातचीत की। करीब चालीस मिनट तक चली इस बैठक के बाद कुलपति ने दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी को पंद्रह दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस पर छात्रों ने आपत्ति जताते हुए इसमें छात्रों को भी शामिल करने को कहा। साथ ही इस मामले की जांच पांच दिन में करने की बात कही लेकिन विवि प्रबंधन ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।
कुलपति ने यह कहा
सुबह छात्रों से संवाद के बाद विवि प्रबंधन ने छात्रों द्वारा लगाए आरोपों की जांच करने के लिए दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी को पंद्रह दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बावजूद भी छात्र शाम तक कुलपित कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे, बाद में पुलिस ने इऩ्हें यहां से हटाया।
13 छात्र-छात्राएं गिरफ्तार
कुलपति दीपक तिवारी ने बताया कि शनिवार से प्रायोगिक परीक्षाएं होनी हैं। पांच राउंड चर्चा के बाद भी जब यह छात्र नहीं मानें तो विवि प्रबंधन ने पुलिस को इन्हें यहां से हटाने को कहा। इसके अलावा कल विवि में हुई तोड़फोड़ के मामले में विवि की ओर से छात्रों के खिलाफ थाने में शिकायत की थी, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इन छात्रों को गिरफ्तार किया है।