एम्स भोपाल में महाशिवरात्रि के आयोजन को लेकर छात्रों व प्रबंधन के बीच विवाद हुआ।
भोपाल. आपको यहीं से पढ़ कर निकलना है ना.....। जब मना कर दिया गया तो आप जबरदस्ती करेंगे। हमारी हां में हां मिलालो, आप की यह मर्जी है ना, तो मर्जी सिर्फ आपकी नहीं चलेगी। यह बातें एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने महाशिवरात्रि का आयोजन करने की अनुमति की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे एम्स के छात्रों से कहीं हैं। इसकी वीडियो ट्विटर पर पिछले 24 घंटे में 50 से अधिक बार रिट्विट की जा चुकी है। वहीं एम्स भोपाल के ट्विटर हैंडल से को इन आरोपों को नकारते हुए कई ट्वीट भी किए गए। प्रबंधन ने लिखा कि एम्स में किसी आयोजन के लिए मना नहीं किया गया है। मगर अस्पताल का पहला फर्ज मरीजों की देखभाल करना है। बता दें, सोमवार को एम्स प्रबंधन व छात्रों के बीच एक बैठक भी हुई। बैठक के बाद छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बैठक में वर्तमान स्टूडेंट एसोसिएशन की मान्यता खत्म कर दी गई है। अब नए सिरे से एसोसिएशन के लिए चुनाव किए जाएंगे। इसके अलावा कोई भी इवेंट धर्म के नाम पर नहीं कल्चर के तौर पर आयोजित होंगे।
क्या है पूरा मामला
एम्स भोपाल में महाशिवरात्रि के आयोजन को लेकर छात्रों व प्रबंधन के बीच विवाद हुआ। संस्थान के छात्र यूनियन के अनुसार अस्पताल प्रबंधन छात्रों को किसी भी तरह के आयोजन करने की अनुमति नहीं दे रहा है। साथ ही अस्पताल एसएएबी यनि स्टूडेंट एसोसिएशन ऑफ एम्स भोपाल को खत्म करना चाहता है। इस विवाद को लेकर एम्स भोपाल व छात्रों की तरफ से कई ट्वीट भी किए गए हैं। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आयोजन में बजने वाले लाउडस्पीकर के म्यूजिक के मरीजों को परेशानी होती। इस लिए छात्रों को अनुमति नहीं दी गई थी।
वर्जन
बच्चे हैं उनको सिखाना जरूरी है। इसके लिए कई बार डाटना भी पड़ता है। हालांकि सभी छात्रों के साथ बैठ कर बात की गई है।
-डॉ अजय सिंह, निदेशक, एम्स भोपाल