
मेट्रो प्रोजेक्ट फायनेंस करने वाली इन्वेस्टर बैंक की मंजूरी के बगैर नहीं बन सकेंगे फ्लायओवर्स
भोपाल. शहर में छह स्थानों पर प्रस्तावित फ्लायओवर्स की मंजूरी पर एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने एनओसी जारी करने से पहले तकनीकी पेच लगा दिया है। स्टेट लेवल डवलपमेंट कमेटी (एसएलडीसी) को दी जाने वाली मंजूरी पीडब्ल्यूडी के प्रस्तावित फ्लायओवर्स के लिए जरूरी है। मेट्रो कंपनी ने साफ किया है कि प्रस्तावित रूट के बीच किसी भी नए प्रोजेक्ट को शामिल करने से पहले मेट्रो प्रोजेक्ट फायनेंस करने वाली कंपनी यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पीडब्ल्यूडी को राजधानी सहित प्रदेश में 472 पुल और फ्लायओवर्स बनाने की वित्तीय अनुमति दी है। पीडब्ल्यूडी राजधानी में छह स्थानों पर फ्लायओवर्स बनाने की तैयारी में है। मैदा मिल से गायत्री मंदिर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, मानसरोवर कॉम्पलेक्स तक फ्लायओवर के लिए 140 करोड़ रुपए की प्रशासकीय मंजूरी मिली है। यहां 1800 मीटर लंबा फ्लायओवर बनना है। मेट्रो के कारण यह फ्लायओवर प्रभावित होगा, क्योंकि पहले चरण में मेट्रो यहां से गुजरेगी।
मेट्रो का पहला चरण कहां से कहां तक
मेट्रो का रूट नंबर 2 (एम्स से करोंद तक) 14.33 किमी लंबा है। काम की शुरुआत एम्स से सुभाष नगर तक रूट बनाने से की जाएगी। रूट नंबर दो के स्टॉपेज में करोंद चौराहा, कृषि उपज मंडी, डीआइजी बंगला, सिंधी कॉलोनी, नादरा बस स्टैंड, भारत टॉकीज, पुल बोगदा, ऐशबाग स्टेडियम के पास, सुभाष नगर अंडरपास के पास, मैदा मिल केंद्रीय विद्यालय, डीबी मॉल, बोर्ड ऑफिस, प्रगति पेट्रोल पंप, मानसरोवर कॉम्पलेक्स, हबीबगंज नाका, अलकापुरी, एम्स शामिल है।
ये हैं पीडब्ल्यूडी के प्रस्तावित फ्लायओवर्स
मानसरोवर कॉम्प्लेक्स से बोर्ड ऑफिस चौराहा से मैदा मिल तक
जवाहर चौक से राजभवन तक
पुराने शहर में हमीदिया रोड से शाहजहानांबाद थाने तक
वीआइपी रोड से कफ्र्यू वाली माता मंदिर स्थित भवानी चौक तक
रोशनपुरा से एमएलबी कॉलेज
लालघाटी से बैरागढ़ तक
मेट्रो रूट पर किसी अन्य प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी जा सकती। इसके लिए केंद्र एवं फायनेंस करने वाली संस्थाओं से अनुमतियां लेना होंगी।
जितेंद्र दुबे, ईएनसी, एमपी
मेट्रो रेल कंपनी
Published on:
20 Mar 2019 04:04 am
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