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हलफनामे में स्वीकार करने के बाद भी, आयकर रिटर्न तक नहीं भरते करोड़पति माननीय!

locationभोपालPublished: Apr 02, 2019 09:53:01 am

आयकर विभाग नहीं करता जांच…

Millionaires leaders of india

हलफनामे में स्वीकार करने के बाद भी करोड़पति माननीय तक नहीं भरते आयकर रिटर्न!

भोपाल। आम आदमी को जहां चंद लाख रुपए की आय में ही आयकर जमा कराना होता है, वहीं करोड़पति सांसद और विधायक आयकर रिटर्न भरने से बच निकलते हैं।

जबकि सामान्य सी चंद लाख रुपयों में आय पर भी आयकर जमा नहीं करने के चलते आम व्यक्ति को पकड़े जाने के साथ ही जुर्माने की स्थिति को भी झेलना होता है। वहीं कई माननीयों द्वारा सार्वजनिक तौर पर करोड़ों की संपत्ति के मालिक होने की बात स्वीकार की जाती है, लेकिन आयकर रिटर्न भरने से बच निकलते हैं।

ऐसे हुआ खुलासा…
यह खुलासा एडीआर द्वारा सांसद व विधायकों के चुनावी हलफनामे के किए गए विश्लेषण से हुआ है।

चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा दिए गए हलफनामे की आयकर विभाग द्वारा पड़ताल नहीं किए जाने के चलते माननीय बच निकल रहे हैं।


ये है रिपोर्ट में…
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के विधानसभा चुनाव में जीते 16 विधायकों ने चुनावी हलफनामे में स्वीकार किया है कि वे आयकर रिटर्न नहीं भरते हैं। इसी हलफनामे में उनकी संपत्ति करोड़ों में है।

इनमें कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल ने छह और भाजपा के प्रेम सिंह ने पांच करोड़ की संपत्ति बताई है। आयकर रिटर्न के कॉलम में इन्होंने भी ‘नहीं’ लिखा है। दो विधायकों ने तो पैन नंबर तक नहीं बताया।

सांसद भी बचते रहे…
आयकर रिटर्न भरने से सांसद भी बचते रहे हैं। 2014 और उसके बाद बोध सिंह भगत, जनार्दन मिश्रा और ज्ञान सिंह ने अपने हलफनामे में बताया था कि उन्होंने आयकर रिटर्न नहीं दिया है, जबकि ये सभी करोड़पति हैं और संपत्ति बताई है।


1397 प्रतिशत बढ़ी संपत्ति, फिर भी जांच नहीं…
भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह की संपत्ति 1397 प्रतिशत बढ़ी है। 2013 में वे चार करोड़ की संपत्ति के मालिक थे, जो 2018 में 58 करोड़ रुपए की हो गई है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की संपत्ति में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013 के हलफनामे में 7 करोड़ बताई थी, जो पांच साल में बढ़कर 38 करोड़ रुपए हो गई।

खूब बढ़ी सांसदों की भी आय…
2014 के चुनावी हलफनामे के अनुसार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आय सालाना दो करोड़ रुपए की दर से बढ़ी।

वहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 40 लाख रुपए सालाना कमाई बताई। जबकि सतना सांसद गणेश सिंह की संपत्ति में 413 प्रतिशत बढ़ी थी। 2009 में उन्होंने 73 लाख की संपत्ति बताई थी, जो 2014 में तीन करोड़ पार कर गई।

राकेश सिंह, उदयप्रताप सिंह, ज्योति धुर्वे, सुमित्रा महाजन, नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र खटीक की संपत्ति 100 से 250 प्रतिशत तक बढ़ी।

आयकर विभाग करे जांच : एडीआर…
एडीआर की प्रदेश संयोजक रोली शिवहरे ने बताया कि सांसदों और विधायकों के हलफनामे की जांच नहीं होती है, ऐसे में कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में गलत जानकारी देने पर सदस्यता निरस्त किए जाने का आदेश पारित किया था।

मुख्य आयकर आयुक्त मप्र आरके पालीवाल को ज्ञापन सौंपकर इनके हलफनामे की जांच करने की मांग की है।

जानिये किसी कितनी बढ़ी संपत्ति…


विधायक : संपत्ति : वृद्धि
सुदेश राय : 57 करोड़ : 564%
नारायण त्रिपाठी : 73 लाख : 473%
नीना वर्मा : 7 करोड़ : 397%
भारत कुशवाह : 95 लाख : 396%
बहादुर सिंह चौहान : 5 करोड़ : 294%
गोपाल भार्गव : 2 करोड़ : 262%
आशीष शर्मा : 37 लाख : 245%
महेश राय : 1 करोड़ : 243%
झूला सोलंकी : 2 करोड़ : 196%
केदार शुक्ला : 5 करोड़ : 183%
कुंवर विजय शाह : 8 करोड़ : 129%
महेंद्र हार्डिया : 3 करोड़ : 147%
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