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सीएम हेल्प लाइन में एल-4 पर दर्ज लाखों शिकायतों को एल-1 में किया तब्दील

अफसरों ने आचार संहिता के समय की सभी शिकायतों को समीक्षा के नाम पर प्रथम चरण पर भेजा    

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chhindwara

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भोपाल - जनता से सीधे जुड़ी सीएम हेल्प लाइन की लाखों शिकायतों को एल-४ यानी विभाग के मुखिया के पास पहुंची सभी शिकायतों को नीचले स्तर पर भेज दिया। आचार संहिता के दौरान मिली अधिकांश शिकायतें, जिनका निराकरण नहीं हो पाया, तय समय के बाद शिकायतें आला अफसरों के स्तर पर (एल-४) पहुंची थी।

लेकिन अब अफसरों ने अपने स्तर पर निराकरण करने के बजाय जिस स्तर पर शिकायत की गई थी, (एल-१) उसी स्तर पर वापस भेज दी। इससे करीब तीन महीने के दौरान सीएम हेल्प लाइन में पहुंची शिकायतें बिना किसी निराकरण के जस की तस बनीं हुई है। सितंबर २०१९ से दिसंबर के बीच दर्ज ७ लाख ५ हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गई। लेकिन इनमें से अधिकांश शिकायतें एल-४ यानी उच्चतम अधिकारी के स्तर पर कार्रवाई के लिए पहुंच गई।

कार्रवाई के बजाय समीक्षा करवा रहे

अब इन सभी शिकायतों को बड़े अफसरों ने फिर उसी स्तर पर भेज दिया, जिस स्तर (सबसे नीचले स्तर पर एल-१) पर शिकायत दर्ज की गई थी। इसमें एक दिलचस्च मोड़ यह भी बताया जा रहा है कि आला अफसरों के स्तर पर कई श्किायतों का अंबार लगने से उन पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई थी।

इसलिए बड़े अफसरों को बचाने के लिए सभी शिकायतों को एल-१ स्तर पर भेजकर समीक्षा करवाई जा रही है। गौरतलब है कि कई प्रबंधकों को कारण बताओ तक नोटिस दे दिया गया है, कि आचार संहिता के दौरान उन्होंने समय रहते शिकायतों का निराकरण नहीं किया। जबकि आचार संहिता अवधि में निराकरण करने पर रोक थी।

- औसतन हर दिन १० हजार शिकायतें पहुंच रही है सीएम हेल्प लाइन पर।
- दिसंबर में १ लाख ४२ हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई। लेकिन निराकरण नहीं हुआ।

- नवंबर में १ लाख ४४ हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई।
- अक्टूबर में २ लाख ८५ हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुई।

- सितंबर में २ लाख १० हजार शिकायतें दर्ज की गई।

आचार संहिता के कारण मिली शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर पाए थे। एेसी शिकायतों को शासन की अनुमति से समीक्षा के लिए एल-१ अफसर को भेजी गई है। कई प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है कि यदि समय पर वे अपने स्तर पर ही कार्रवाई करते तो शिकायतें एल-४ पर नहीं पहुंचती। अब इन शिकायतों की समीक्षा की जा रही है।
चंद्र मोहन मिश्रा, संचालक, राज्य लोक सेवा अभिकरण