
MP News Mini Ayodhya (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: मध्य प्रदेश में 'Mini Ayodhya' का जुनून लगातार बढ़ता नजर आ रहा है। राम मंदिर निर्माण के बाद देशभर में भगवान श्रीराम के प्रति आस्था ऐसी दिख रही है कि, भगवान राम अब यहां गांव-गांव तक पहुंच गए हैं। प्रदेश के छोटे कस्बों, गांवों और नगर पंचायतों में अब अयोध्या की तर्ज पर भव्य राम मंदिर बनाए जा रहे हैं, कुछ तो ऐसे हैं जिनके बाहर ‘Mini Ayodhya’तक लिखा जा चुका है।
खंडवा, रीवा, सिंगरौली, सतना, छतरपुर, खरगोन और विदिशा जैसे जिलों में लोगों ने चंदा इकट्ठा कर खुद के बलबूते राम मंदिर खड़े कर दिए हैं। स्थानीय युवा राम राज्य की कल्पना में खुद को 'हनुमान सेना' का हिस्सा बताने लगे हैं।
इन मंदिरों में ना सिर्फ श्रीराम की मूर्ति है, बल्कि Ayodhya जैसी तर्ज पर दीपोत्सव, रथयात्रा और रामलीला भी आयोजित की जा रही हैं। कई स्थानों पर भव्य गेट और दीप श्रृंखलाएं बनाई जा रही हैं।
कुछ जगहों पर यह सांस्कृतिक जागरूकता का उदाहरण बन रही है, तो कहीं-कहीं यह राजनीतिक प्रभाव और धार्मिक ध्रुवीकरण का माध्यम भी बन रहा है।
जिले के महेश्वर में एक करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या में बनाए गए राम मंदिर की तर्ज पर हूबहू राम मंदिर बनाया गया। ग्रामीणों ने इसका भूमिपूजन भी किया। इस राम मंदिर का भूमिपूजन भी ठीक तभी किया गया था, जब पीएम मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या राम मंदिर का भूमि पूजन किया था।
बता दें कि ये राम मंदिर 10 साल पहले जल विद्युत परियोजना के तहत डूब क्षेत्र में आ रहे 250 परिवारों के लेपा गांव से 4 किमी दूर बसाया गया था। तब राम मंदिर भी डूब में आ गया था। तब से भगवान राम लेपा गांव में ही हैं। यहां ग्रामीणों ने जनसहयोग से भगवान को गांव में विराजित करने, उनका पुनर्वास करने का निर्णय लिया और मंदिर का पुनर्वास किया।
'हमारा गांव अब 'Mini Ayodhya' कहलाता है, हमें गर्व है,' यह कहना है लेपा गांव रामकेश तिवारी का। वे कहते हैं कि ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर मंदिर के पुनर्निर्माण और भगवान राम के पुनर्वास का निर्णय लिया और काम शुरू कर दिया।
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी थी तब मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में भी राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी था। हैरानी की बात ये थी कि इस मंदिर का निर्माण कार्य चलते-चलते उस समय तक 12 साल हो चुके थे। लेकिन अब ये मंदिर लगभग बनकर तैयार है। ग्रामीणों ने 20 लाख रुपए चंदा जमा कर इस मंदिर का निर्माण करवाया है। इस मंदिर में जयपुर से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर की अब तक की लागत 2 कोड़ से ज्यादा हो चुकी है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में ऐसे कई राम मंदिर हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं, और उनका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण बना इंदौर के धतूरिया गांव का राम मंदिर। 100 साल पुराने इस मंदिर के पुनर्निर्माण की मुहिम खुद मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की। ग्रामीणों ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण को सियासत से पूरी तरह दूर रथा। यहां तक कि मंत्रालय विभाग के प्रमुख सचिव की टेबल पर 10 लाख रुपए नकद तक रख दिए थे। मकराना के बेहतरीन संगमरमर से इसका पुनर्निर्माण कराया जाना है।
फिलहाल एक बात साफ है, कि मध्य प्रदेश अब मंदिरों के नक्शे पर भी तेजी से उभर रहा है और लोग इसे एक नई सांस्कृतिक पहचान के रूप में देख रहे हैं।
Published on:
15 Jul 2025 04:40 pm
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