5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

समरधा के जंगल के बीच 100 एकड़ में मिशनरी स्कूल

अवैध हॉस्टल में छेड़छाड़: पोक्सो एक्ट में दर्ज होगा मामला, मामला दबाने का किया प्रयास

2 min read
Google source verification
apbook01.jpg

भोपाल. राजधानी में अवैध शेल्टर होम का मामला ठंडा से पहले शहर से 30 किमी दूर समरधा के जंगल के बीच 100 एकड़ में एक मिशनरी स्कूल के संचालन में तमाम गड़बड़ियां मिली हैं। पीएफआई आवासीय स्कूल एमपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है लेकिन यहां सीबीएसई पैटर्न का बोर्ड लगाकर अंग्रेजी माध्यम पढ़ाई करवाई जा रही है। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और मप्र बाल आयोग के अध्यक्ष द्रविंद मोरे की जांच में अमोनी के स्कूल और छात्रावास में कमियां मिलीं। निरीक्षण के दौरान एक बालिका ने छेड़छाड़ के बारे में जानकारी दी। जांच के दौरान धार्मिक पुस्तकों को जलाने का प्रयास किया गया। पता चला कि यहां ईसाई धर्म की पढ़ाई होती है। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पोक्सो समेत छेडछाड़ की धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए कहा गया है।

हॉस्टल में 60 बच्चे

प्रबंधन ने स्कूल की सीबीएसई मान्यता का दावा किया गया। हालांकि पढ़ाई एमपी बोर्ड की हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें भी धार्मिक पुस्तकें पढऩे को मजबूर किया जाता है। उन्हें हिंदू धर्म के देवी-देवता को ना मानने और ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दिया जाता है। यहां के हॉस्टल की मान्यता नहीं है। हालांकि, हॉस्टल में 60 बच्चे दर्ज हैं जो निरीक्षण में अनुपस्थित मिले।

ईसाई धर्म की पढ़ाई और प्रार्थना कराते थे

निरीक्षण के दौरान स्कूल से धार्मिक पुस्तकें मिली हैं। बच्चों ने बताया कि उन्हें स्कूल प्रबंधन द्वारा ये धार्मिक किताबें दी गई थी। निरीक्षण के समय कुछ धार्मिक पुस्तकों को जलाने का प्रयास भी किया गया। आयोग के सदस्यों ने अधजली किताबें भी बरामद किया हैं। निरीक्षण में व्यापक पैमाने पर कई अनिमितताएं पाई गई हैं। जांच में पता चला कि स्कूल प्रबंधन द्वारा बालिका और उसके परिवार पर मामले को दबाने का दबाव बनाया जा रहा है। सगौनी फार्म हाउस के अंदर बने स्कूल में हॉस्टल भी है। सुनसान जंगल में सभी धर्मों के बच्चों को ईसाई धर्म में पढ़ाई और प्रार्थना करवाई जाती है। जबकि यहां सबसे ज्यादा हिंदू बच्चे हैं।