
मोहन यादव को मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया गया। मोहन यादव के नाम की घोषणा होते ही शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की जगह लेंगे। बीजेपी की ओर से नए मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा था। मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाकर बीजेपी ने हर किसी को चौंका दिया। वहीं मुख्यमंत्री के रूप में घोषणा होते ही मोहन यादव के घर उज्जैन में जहां जश्न का माहौल था, मोहन यादव की पत्नी ने कहा कि भगवान ने उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का फल दिया है। वहीं मोहन यादव के पिता, बेटे और बहन ने भी बड़ी बात ककर हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया। आपको बता दें कि मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
जानें क्या बोले मोहन यादव के पिता
मोहन यादव का नाम सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में घोषित होते ही मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव बेहद खुश नजर आए। वे भावुक भी हो गए और बोले कि उन्हें अच्छा लग रहा है। पत्नी ने खोला था राज वहीं मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव ने कहा कि हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। भगवान ने उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का फल दिया है।
खुद मोहन यादव ने कही ये बात
सीएम की जिम्मेदारी मिलने के बाद मोहन यादव ने कहा, मैं बीजेपी का सिपाही हूं। यह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी इसलिए बनी है क्योंकि यह अपने सभी कार्यकर्ताओं का ख्याल रखती है। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि पार्टी ने मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी। मैं पार्टी के अलावा पूरे प्रदेश की जनता का भी आभार व्यक्त करता हूं। जिन्होंने प्रचंड बहुमत से बीजेपी की सरकार बनाई। मुझे उम्मीद है कि सबके साथ मिलकर मैं शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाऊंगा।
बहन बोलीं महाकाल का आशीर्वाद
मोहन यादव की बहन कलावती यादव ने मुख्यमंत्री के नए चेहरे के रूप में मोहन यादव के नाम की घोषणा होते ही कहा कि पार्टी का आशीर्वाद है, भगवान महाकाल का आशीर्वाद है। 1984 से वह बीजेपी से जुड़े हुए हैं। वह जब भी उज्जैन में होते थे तो महाकाल से प्रार्थना करने के लिए जाते थे।
यहां पढ़ें क्या बोले मोहन यादव के बेटे अभिषेक
मोहन यादव के बेटे अभिषेक यादव ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता कभी यह भविष्यवाणी नहीं करता कि वह पीएम बनेगा या सीएम। अभिषेक ने कहा कि यह संगठन की विचारधारा को दर्शाता है। वह 1982 से संगठन के लिए समर्पित हैं। उन्होंने अब 40 साल का सफर तय कर लिया है और अब उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पद का दायित्व वे बखूबी निभाएंगे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन, वह हर काम में अपना सर्वस्व झोंक देते थे। अच्छा लगता है।
Updated on:
12 Dec 2023 12:36 pm
Published on:
12 Dec 2023 08:22 am
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