
इस मंगलवार यानि 12 जून को पड़ रही शिवरात्रि, ये उपाय हैं आपके लिए खास लाभकारी!
भोपाल। सनातन धर्मावलंबियों में भगवान शिव प्रमुख आदि देवों में एक माने जाते हैं। शिवजी के माता पार्वति के विवाह का दिन महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जिसे हिन्दुलोग धूमधाम से मनाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि एक वर्ष में 12 शिवरात्रियां आती हैं। यानि हर माह की चौदहवीं तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि को सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे हम महाशिवरात्रि के रूप में भी जानते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है। हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वति का विवाह हुआ था। इसके सिवाय यह भी मान्यता है कि इस दिन पहली बार शिवलिङ्ग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गयी थी। इसीलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है और श्रद्धालु लोग शिवरात्रि के दिन शिव लिङ्ग की पूजा करते हैं।
शिवरात्रि व्रत प्राचीन काल से प्रचलित है। पुराणों में हमें शिवरात्रि व्रत का उल्लेख मिलता हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था।
जानिये जून से दिसंबर 2018 तक इस-इस दिन पड़ेगी मासिक शिवरात्रि...
12 जून (मंगलवार) मासिक शिवरात्रि
इस दिन पंडित सुनील शर्मा के अनुसार रात 11.57 से रात 12.42 तक का समय शिवपूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
वहीं इसके अलावा वर्ष 2018 में इन दिनों पड़ेगी मासिक शिवरात्रि...
11 जुलाई (बुधवार) मासिक शिवरात्रि
09 अगस्त (बृहस्पतिवार) मासिक शिवरात्रि
08 सितम्बर (शनिवार) मासिक शिवरात्रि
07 अक्टूबर (रविवार) मासिक शिवरात्रि
05 नवम्बर (सोमवार) मासिक शिवरात्रि
05 दिसम्बर (बुधवार) मासिक शिवरात्रि
मान्यता है कि यदि मासिक शिवरात्रि मंगलवार के दिन पड़ती है तो वह बहुत ही शुभ होती है। वहीं इस जून 2018 को भी यह 12 जून यानि मंगलवार को ही पड़ रही है। शिवरात्रि पूजन मध्य रात्रि के दौरान किया जाता है। मध्य रात्रि को निशिता काल के नाम से जाना जाता है और यह दो घटी के लिए प्रबल होती है। सभी शिवरात्रि के व्रत के लिए शिव पूजन करने के लिए निशिता काल मुहूर्त को सूची किया जाता है।
शिवपूजा मे मंगलवार की खासियत...
शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन शिव पूजा भी की जाती है। वहीं मंगलवार के संबंध में पंडित सुनील शर्मा कहते हैं कि वैसे भी मंगलवार रुद्रावतार श्री बजरंगबली और मां दुर्गा का वार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से जहां बजरंग बली जो रुद्रावतार हैं प्रसन्न होते हैं वहीं शिव जी का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि मंगल ग्रह शिव जी से भयभीत रहता है इसलिए उसके दुष्प्रभावों को इस दिन शिव पूजा करके कम किया जा सकता है। महादेव का नाम लेने से मंगल की दशा में सुधार की भी बातें कही जाती हैं, कुछ ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में मंगल की खराब दशा को सुधारने के लिए मंगल को पड़ रही 12 जून की शिवरात्रि को कुछ निश्चित उपायों से शिव जी की पूजा करें।
खास हैं ये उपाय Puja Vidhi of masik shivratri...
- कहा जाता है कि मंगल के प्रभाव का सबसे पहला असर आपके स्वभाव पर पड़ता है और आप कई बार क्रोधी और कलह प्रिय हो जाते हैं। इससे बचने के लिए
मासिक शिवरात्रि यानि 12 जून 2018 को सुबह जल में लाल पुष्प डालकर शिव जी को अर्पित करें। इसके बाद लाल आसन पर बैठ कर 'ॐ नमो भगवते रुद्राय' मंत्र का जाप करें।
- इसके अलावा यदि मंगल के चलते इंसान का आत्मविश्वास और साहस घटने लगता है और शक्ति और सामर्थ्य में भी कमी महसूस होने लगती है तो 12 जून 2018 की मासिक शिवरात्रि के दिन शिव जी के सामने गुग्गल की धूपबत्ती जलाएं। इसके बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- जानकारों का मानना है कि संपत्ति और जमीन से जुड़े मामले भी मंगल के ही प्रभाव से संचालित होते हैं यदि आपके सामने भी ऐसी कोई समस्या है तो 12 जून यानि मंगलवार की इस मासिक शिवरात्रि को सुबह सर्वप्रथम शिव मंदिर में दर्शन करने जायें। इसके ठीक बाद शिवलिंग पर गुड़ मिला हुआ जल अर्पित करें और उनसे इस संकट से निकालने की प्रार्थना करें। साथ ही मंगल के दिन चन्द्रमा की रोशनी में 'रुद्राष्टक' का पाठ करें और 'शिव-शिव' का जाप करें।
- यदि आपके वैवाहिक जीवन में तनाव दिखाई पड़े तो ये मंगल का प्रभाव हो सकता है। इससे रक्षा के लिए इस मंगलवार यानि 12 जून की मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह शिव जी को सफ़ेद और पार्वती जी को पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद शिव-पार्वती के सामने घी का दीपक जलाएं। और 'ॐ उमामहेश्वराभ्याम् नमः' का जाप करें।
जानिये क्या है मासिक शिवरात्रि...
शिव आराधकों के लिए महाशिवरात्रि का बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं में शिवविवाह के अलावा यह भी कहा गया है कि महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि को ही भगवान शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे। माना जाता है कि इसी समय ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पहली बार शिवलिंग का पूजन किया गया था। परंतु एक वर्ष में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्री, पार्वती और रति ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से अनंत फल प्राप्त किए थे।
हर शिवरात्रि पर करें इन मंत्रों का जाप...
1)ॐ शिवाय नम: ।।
2) ॐ सर्वात्मने नम: ।।
3) ॐ त्रिनेत्राय नम: ।।
4) ॐ हराय नम: ।।
5) ॐ इन्द्र्मुखाय नम: ।।
6) ॐ श्रीकंठाय नम: ।।
7) ॐ सद्योजाताय नम: ।।
8) ॐ वामदेवाय नम: ।।
9) ॐ अघोरह्र्द्याय नम: ।।
10) ॐ तत्पुरुषाय नम: ।।
11) ॐ ईशानाय नम: ।।
12) ॐ अनंतधर्माय नम: ।।
13) ॐ ज्ञानभूताय नम: ।।
14) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम: ।।
15) ॐ प्रधानाय नम: ।।
16) ॐ व्योमात्मने नम: ।।
17) ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम: ।।
Published on:
12 Jun 2018 08:06 pm
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