
भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण 31 जनवरी तक बंद स्कूल 1 फरवरी को दोबारा खुल गए. हालांकि मंगलवार को कई स्कूल उचित रूप से नहीं खुल पाए और अधिकांश बच्चे भी नहीं आए लेकिन इस बीच बड़ा खतरा सामने आ गया. कोरोना बच्चों को संक्रमित कर रहा है और इसके आंकड़े भी भयावहता दर्शा रहे हैं.
31 जनवरी तक बंद रहने के बाद प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को मंगलवार को खोले - प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटों में 100 से ज्यादा बच्चे संक्रमित मिले हैं. 1 फरवरी को दोबारा स्कूल खुलने के बाद सामने आया यह आंकड़ा डरा रहा है. प्रदेश में 15 जनवरी से स्कूल बंद कर दिए गए थे. 31 जनवरी तक बंद रहने के बाद प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को मंगलवार को खोले जाने के आदेश जारी किए गए.
संक्रमण की स्पीड कम होने के कारण बच्चों के स्कूल खोले जाने का लिया निर्णय -इससे पहले प्रदेश सरकार ने एक्सपर्ट और केंद्र सरकार से पूछकर स्कूल खोले जाने का निर्णय लेने की बात कही थी.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि राज्य में संक्रमण कम हो रहा है, एक्टिविटी रेट भी घटा है. संक्रमण की स्पीड कम होने के कारण बच्चों के स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है.
बच्चों को संक्रमण से ऐसे बचाएं
— अब मुख्यत: ओमिक्रॉन संक्रमित कर रहा है. डाक्टर्स और एक्सपर्ट के अनुसार यूं तो ओमिक्रॉन के अनेक लक्षण हैं पर इससे संक्रमित होने पर प्राय: सर्दी— खांसी और गले में खराश की शिकायत अवश्य आती है.
— किसी बच्चे की त्वचा पर खुजली हो या रैशेज आ जाएं, तो ये ओमिक्रॉन का संक्रमण हो सकता है
— स्किन पर अचानक चकत्ते आना और बहुत खुजली होना एलर्जी का लक्षण होता है पर अब कोरोना इन्फेक्शन के दौरान इसे ज्यादा देखा जा रहा है.
— सर्दी— खांसी
— गले में खराश
— स्वाद और गंध न आना
— मांसपेशियों में दर्द
— भूख न लगना और हरारत सी बने रहना
सावधानी— इनमें से कोई लक्षण बच्चे में दिख रहे हैं तो डॉक्टरों के सुझाव जरूर लें और आइसोलेट कर कोविड टेस्ट करवाएं.
Published on:
02 Feb 2022 09:29 am
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