उन्होंने कहा कि मामले की तारीख बढ़ाने की वकीलों की प्रथा को खत्म करना जरूरी है। इसके लिए जिस दिन केस लगे, उसी दिन मामले का निपटारा किया जाए। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि लोग इतनी बड़ी संख्या में कोर्ट में क्यों जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वे अपने सिस्टम की खामी भी सुधारे, जिससे लोगों को छोटी-छोटी बातों में कोटज़् की शरण न लेना पड़े।