भोपाल

एमपी में सबसे ज्यादा इस बीमारी से हो रही मौतें, लेकिन अस्पतालों में न इसके डॉक्टर हैं न कैथ लैब

Cardiovascular Disease : मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतों का कारण बन रही कार्डियोवैस्कुलर डिसीज। लेकिन, अस्पतालों में न विशेषज्ञ और न कैथ लैब।

2 min read
एमपी में सबसे ज्यादा इस बीमारी से हो रही मौतें, लेकिन..(Photo Source- Patrika)

सुनील मिश्रा की रिपोर्ट

Cardiovascular Disease : मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 फीसदी मौतें कार्डियोवैस्कुलर डिसीज के कारण हो रही हैं। हालांकि, अन्य प्रदेशों से ये 7.5 प्रतिशत तक कम है। ये बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों की ज्यादा जान ले रही है। इसके बाद श्वसन संबंधी संक्रमण और अज्ञात बुखार जान ले रहा है। इसके बावजूद प्रदेश के अस्पतालों में अभी हार्ट और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के इलाज के समुचित इंतजाम नहीं हैं।

रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया एवं सेंसस कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी कॉज ऑफ डेथ स्टेटिस्टिक्स 2020-22 रिपोर्ट जून 2025 में जारी की गई है। मध्यप्रदेश की 4.21 लाख आबादी पर अध्ययन किया गया। इनमें 3.23 लाख ग्रामीण और 98 हजार शहरी आबादी है।

देश में भी सबसे ज्यादा मौतें इसी जिसीज से

बताया गया है कि, कार्डियोवैस्कुलर डिसीज पूरे देश में मौतों का सबसे बड़ा कारण है। हालांकि पूर्वी क्षेत्र में ज्यादा प्रसार है। मध्य क्षेत्र में कम। श्वसन संबंधी संक्रमण सबसे ज्यादा पश्चिमी क्षेत्र और मध्य क्षेत्र में पाए गए हैं।

ऐसे समझें

एसआरएस कॉज ऑफ डैथ स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट के अनुसार, कार्डियोवैस्कुलर डिसीज के तहत हार्ट और रक्त संचरण से संबंधित बीमारियां आती हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होती हैं। सीवीडी के तहत हार्ट डिसीज, सेरीब्रोवैस्कुलर डिसीज, पेरिफेरल आर्टीरियल डिसीज, र्यूमेटिक हार्ट डिसीज, कॉन्जीनाइटल हार्ट डिसीज, वेन थ्रॉम्बोसिस आदि स्थितियां शामिल हैं। यह लाइफस्टाइल बदलने के कारण पैदा होती हैं। इन बीमारियों के लिए मुख्यत: अस्वास्थ्यकर खानपान, शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मुख्यत: जिम्मेदार होता है।

प्रदेश में मौत के 10 बड़े कारण (आंकड़े प्रतिशत में)

कारण---------कुल---------पुरुष------------महिला

-कार्डियोवैस्कुलर डिसीज---26.0---27.3---24.1

-श्वसन संक्रमण---10.7---10.2---11.3

-अज्ञात बुखार---6.6---5.8---7.8

-डायजेस्टिव डिसीज---5.5---6.3---4.3

-मेलिग्नेंट, नियोप्लाज्म---5.0---4.9---5.2

-एक्सीडेंट/इंजरी---3.9---4.0---3.7

-डायरियल डिसीज---3.7---3.1---4.5

-पेरिनेटल कंडीशन---3.7---3.6---3.8

-अन्य लैब फाइंडिंग---10.3---9.2---11.9

-अन्य कारण---18.3---19.5---16.7

क्या कहते हैं जिम्मेदार ?

इस संबंध में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल का कहना है कि, आउटसोर्सिंग से सभी मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब स्थापित करने कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों और डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है।

(स्रोत- एसआरएस कॉज ऑफ डैथ स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट, आंकड़े प्रतिशत में)

Published on:
05 Jul 2025 09:30 am
Also Read
View All

अगली खबर