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90 साल के मोतीलाल वोरा होंगे कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष, रह चुके हैं एमपी के चीफ मिनिस्टर

locationभोपालPublished: Jul 03, 2019 06:03:06 pm

Submitted by:

Manish Gite

लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने अंततः इस्तीफा दे दिया। उन्होंने हार की पूरी जिम्मेदारी ली है। इसके बाद गांधी परिवार के करीबी नेताओं में शामिल मोतीलाल वोरा को अंतरिम अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी गई।

motilal vora

 

भोपाल। अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ( former chief minister ) रह चुके मोतीलाल वोरा ( Motilal Vora ) अब कांग्रेस पार्टी ( Indian National Congress ) के अंतरिम अध्यक्ष होंगे। वे अब नए कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति तक अंतरिम अध्यक्ष ( antrim president ) होंगे। 90 वर्षीय वोरा पार्टी के कोषाध्यक्ष भी हैं और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं।

 

राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होने दो पन्नों का इस्तीफा ट्वीट भी कर दिया है। 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मिली कांग्रेस को पराजय के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश कर की थी, लेकिन कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। इसके बाद से राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे।

 

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1146359704815194112?ref_src=twsrc%5Etfw

क्या कहा था राहुल ने
राहुल गांधी ने आज ही कहा था कि मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं अब पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (cwc) जल्द ही नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करे। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का नया अध्यक्ष एक माह पहले ही चुन लिया जाना चाहिए था।

कौन है मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर में हुआ था।

-उन्होंने रायपुर और कलकत्ता से शिक्षा प्राप्त की।

-वोरा ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की, तब वे कई बड़े अखबारों में संपादक भी रहे।
-वोरा 1968 में राजनीति में आए।

-वोरा 1972 में मध्य प्रदेश विधान सभा से चुनाव जीतकर आए और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष बनाए गए थे।
-इसके बाद 1977 और 1980 में दोबारा विधायक बने।
-1980 में अर्जुन सिंह के मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था, जिसे उन्होंने बखूभी निभाया।
-उनके कार्य को देखते हुए 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

-मोतीलाल वोरा ने 13 मार्च 1985 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
-13 फ़रवरी 1988 में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देकर 14 फ़रवरी 1988 में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण कर लिया था।
-अप्रैल 1988 में वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।
-वोरा 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे
कांग्रेस के दिग्गज नेता अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 35 साल तक राजनीति करने वाले वोरा का नाता मध्यप्रदेश से उस समय टूट गया था। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो गया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर आवंटित हुआ उनका भोपाल के 74 बंगला क्षेत्र का बंगला 2016 में खाली कर दिया गया। वोरा को यह बंगला 1981 में मिला था। वोरा दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार मार्च 85 से फरवरी 88 तक।
भोपाल की सड़कों पर लूना चलाते थे वोरा
छत्तीसगढ़ राज्य बन जाने के बाद वोरा का परिवार शिफ्ट हो गया। 22 सितंबर 2016 को अपना सरकारी बंगला खाली करने आए वोरा परिवार की यादें उस समय ताजा हो गई थीं, जब उनके बंगले में पुरानी लूना खड़ी दिखी। वोरा के बड़े बेटे अरुण, उनकी बहन अर्चना बिस्सा लूना को साफ करके बंगले के बाहर लाए और उसके साथ फोटो खिंचाई। अरुण बताते हैं कि यह लूना हम भाई-बहन ही नहीं बाबूजी भी इस लूना पर घूमा करते थे। भोपाल में इसे आसपास जाने के लिए रखा गया था।

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