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जिस नेता को शिवराज ने दिलाई थी सदस्यता, जीत के लिए मांगे थे वोट, उसी ने भाजपा का छोड़ा साथ

शरद कोल कांग्रेस के नेता थे और चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे। 2 विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस सरकार मजबूत हो गई है।

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भोपाल

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Pawan Tiwari

Jul 25, 2019

Shard kol

जिस नेता को शिवराज ने दिलाई थी सदस्यता, जीत के लिए मांगे थे वोट, उसी ने भाजपा का छोड़ा साथ

भोपाल. मध्यप्रदेश में भाजपा के दो विधायकों द्वारा कमल नाथ सरकार को पक्ष में वोटिंग करने के बाद सियासत तेज हो गई है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के अलावा शहडोल के व्यौहारी से विधायक शरद कोल ने भाजपा से बगावत करते हुए कांग्रेस का साथ दिया है। शरद कोल भाजपा में आने से पहले कांग्रेस नेता थे हालांकि वो पहली बार विधायक भाजपा की टिकट पर ही बने थे। शरद कोल ने 2018 में भाजपा ज्वाइन की थी।

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शिवराज की मौजूदगी में ली थी सदस्यता
शरद कोल ने 28 अक्टूबर, 2018 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी। शरद ने तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान , प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की थी। वहीं, विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने शरद कोल के लिए रैली भी की थी।


टिकट नहीं मिलने से छोड़ी थी कांग्रेस
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस की टिकट मांगी थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और ब्यौहारी सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। वह चुनाव जीत कर विधायक बन गये। ब्यौहारी आदिवासी बहुत इलाका है,.परिसीमन के बाद ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।

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नामांकन में शामिल हुए थे शिवराज
शिवराज सिंह चौहान शरद कोल के नामांकन में शामिल हुए थे। शिवराज सिंह चौहान ने शरद कोल के समर्थन में व्यौहारी में जनसभाएं की थीं और शरद कोल के लिए वोट मांगा था। प्रचार के दौरान शिवराज ने शरद कोल की जमकर तारीफ की थी।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष थे शरद
भाजपा में शामिल होने से पहले शरद कोल जिला पंचायत शहडोल के सदस्य और कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष भी रह चुके थे।

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कांग्रेस का साथ देने पर क्या कहा?
विधेयक पर मत विभाजन के दौरान दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया था। उसके बाद मीडिया से बात करते हुए शरद कोल ने कहा था- कमलनाथ हमारे आईकॉन हैं। कांग्रेस में पहले से ही थे। हमने घर वापसी की है। हमारा उद्देश्य क्षेत्र का विकास है और सीएमका विजन विकास रहा है।