जीवन जीने में 10वीं 12वीं का कोई रोल नहीं होता है इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हो....
भोपाल। एमपीबोर्ड ने ने 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी कर दिए हैं। परीक्षा में बेहतरीन स्कोर करने वाले मेधावियों की लंबी लिस्ट है। लेकिन, आज बात उनकी जो रिजल्ट से निराश हुए हैं। कई स्टूडेट्स फेल भी हुए हैं। फेल हुए स्टूडेंट्स घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। जो भी परिणाम आएं उसे स्वीकार करें। हताश न हों। आत्मविश्लेषण करें और फिर से मेहतन करने जुट जाएं। इसके साथ ही खुद को कभी कम न आकें। एक्सपर्ट कहते हैं कि हौसला रखें।
रिजल्ट के लिए नहीं, जिंदगी की परीक्षा में पास होने के लिए पढ़ें। मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का बच्चों से कहना है कि ये जीवन का रिजल्ट नहीं। कहीं खुशी तो कहीं गम होता ही है। रिजल्ट के बाद अपने विवेक से काम लें। खुद को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाएं। जीवन जीने में 10वीं 12वीं का कोई रोल नहीं होता है इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हो। जो भी रिजल्ट आए आगे फिर मेहनत करें।
चितां करने की जरूर नहीं
जिदंगी में उतार-चढ़ाव लगा रहता है। जो स्टूडेंट परीक्षा मेंफेल हो गए है उन्हें निराश होने की बजाए आत्म मूल्यांकन करन होगा। आगे का सोचना होगा। कमजोरियों पर काम करना होगा। अपनी गलती से सीखने की जरूरत है। टाइम टेबल बनाकर तैयारी करनी होगी। जीवन में लक्ष्य बनाना होगा। जितने अंक चाहिए उसको अपने कमरे में लगा लें। कुल मिलाकर स्टूडेंट को चिंता नहीं चिंतन करने की जरूरत है।
एक्सपर्ट भी कहते हैं कि यह परीक्षा आमतौर पर ज्ञान और कौशल की एक सीमित श्रेणी का आकलन करती है। जो जानकारी को याद करने पर आधारित होती है। यह किसी स्टूडेंट की बुद्धिमत्ता की जटिलता को पूरी तरह से पकड़ नहीं सकता है। जिसमें महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान, रचनात्मकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता शामिल है।
पैरेंट्स करें ये काम
- बच्चों के नंबरों से उसका आकलन न करें।
- कम अंक आने पर किसी भी दूसरे बच्चे से तुलना न करें। तुलना करने से बच्चों के अंदर खुद से प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाती है।
-रिजल्ट आने के बाद बच्चों पर नजर रखें।
- ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों को दें, साथ रहे।
- बच्चों से हमेशा बातचीत करें।
- समझाएं ताकि वह हिम्मत न हारे।
- दोस्ताना व्यवहार बनाएं रखें। खुल कर बात करें।
-आगे और मेहनत करने की बात कहें। बच्चों के साथ समय बिताए।
बच्चों से ऐसी नकारात्मक बातें न करें
-तुमने साल भर पढ़ाई नही की, क्या किया
-तुमसे पढाई लिखाई नहीं हो पाएगी
-तुम कभी पास नहीं हो सकते
-खेलने-कूदने में ही समय बिता दिया
-उनका लड़का देखा कितने नंबर लाया है।
-तुमने तो मेरी नाक कटवा दी
-तुमको अभी भी शर्म नही आ रही है।
-मेरी नजरों से दूर हो जाओ
-इन बातों का रखें ध्यान