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डेंगू-मलेरिया: एमपी, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र मिलकर करेंगे बॉर्डर पर चौकसी

डेंगू-मलेरिया के संकट के चलते मरीज के दूसरे राज्य में जाने पर भेजी जाएगी जानकारी। दूसरे राज्यों की सीमा से लगे जिलों में अलर्ट।

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भोपाल. कोरोना के बाद स्वास्थ्य विभाग को अब डेंगू और मलेरिया के संक्रमण का स्रौोफ सताने लगा है। इन्हें रोकने के लिए मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र मिलकर सरहद पर चौकसी करेंगे। पहली बार डेंगू और मलेरिया को लेकर तीन राज्य साझा रणनीति बना रहे हैं।

मध्य प्रदेश में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ता जा रहा है। बीते दो महीनों में डेंगू के मरीजों की संख्या 568 तो मलेरिया के मरीजों की संख्या 1200 के आसपास हो गई है। डेंगू से अब तक आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू से तीन मरीजों की ही मौत हुई है।

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प्रदेश में डंगू के कहां कितने मरीज





























मंदसौर128
जबलपुर97
रतलाम86
भोपाल50
छिंदवाड़ा41
सागर40

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मरीज के गृह जिले को देंगे सूचना
जानकारी के मुताबिक तीनों राज्यों के सरहदी जिलों के जिला मलेरिया अधिकारी अब मिलकर काम करेंगे। विभाग का मानना है कि सरहद से सटे जिलों से लोग पड़ोसी राज्यों में काम के लिए जाते हैं। ऐसे में किसी को डेंगू या मलेरिया होता है तो उसकी जानकारी दोनों राज्यों को दी जाएगी। बैतूल या छिंदवाड़ा का रहने वाला व्यक्ति काम के लिए नागपुर या गोंदिया जाता है और वां डेंगू से संक्रमित होता है, तो वहां का जिला मलेरिया कार्यालय इसकी सूचना उसके निवास वाले जिलों को भी देगा। इससे मरीज के घर के आसपास भी लार्वा सर्वे किया जा सके।

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कांगो बुखार का अलर्ट
कांगो बुखार को लेकर प्रदेशभर में अलर्ट के बाद अस्पतालों में मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक इस बुखार का मरीज तो प्रदेश में सामने नहीं आया है, लेकिन लक्षणों से मिलते-मरीज अस्पताल में आ रहे हैं तो उनका डाटा रख रहे हैं। एनवीबीडीपी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. हिमांशु जायसवाल ने बताया कि सभी जिलों में फागिंग और लावा खत्म करने के लिए नई दवा का उपयोग हो रहा है।

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