
kamalnath
असम-मेघालय कैडर के 1995 बैच के आइएएस अधिकारी प्रतीक हजेला को राज्य सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर लेने की सहमति दे दी है।
राज्य सरकार ने इसका प्रस्ताव डीओपीटी को भेज दिया है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की विशेष पीठ ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के समन्वयक आईएएस हजेला को अधिकतम संभव समय के लिए उनके गृह राज्य मध्य प्रदेश प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश दिया था।
ऐसा माना जा रहा है कि हजेला के जीवन को खतरे की आशंका में यह आदेश दिया था।
एनआरसी को अंतिम रूप देने की संभाली थी जिम्मेदारी
असम-मेघालय कैडर अधिकारी हजेला एनआरसी को अंतिम रूप देने और उसके प्रकाशन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
31 अगस्त को एनआरसी का अंतिम प्रारूप जारी किया गया था, जिसमें तीन करोड़ 30 लाख की आबादी में से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर हो गए थे
इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने भारतीय नागरिक होने के संबंध में कोई दस्तावेज जमा नहीं कराए थे। केंद्र के साथ ही असम की भाजपा सरकार ने भी दावा किया है कि बड़ी संख्या में असली भारतीय नागरिकों को एनआरसी में जगह नहीं मिली है। जबकि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को इसमें शामिल कर लिया गया है।
हजेला पर खतरे को लेकर रिपोर्ट नहीं मांगी गई : असम पुलिस
इस बीच, असम के पुलिस महानिरीक्षक (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने पीटीआइ से कहा कि हजेला को खतरे को लेकर असम पुलिस से कोई रिपोर्ट नहीं मांगी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि असम पुलिस को हजेला के जीवन को खतरे को लेकर कोई जानकारी भी नहीं है।
भोपाल के रहने वाले है हजेला
आईएएस प्रतीक हजेला भोपाल के रहने वाले हैं। इनके पीता यूपीएससी से सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं इनके चाचा भोपाल के नामी डॉक्टर हैं। आईएएस हजेला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए अपने गृह प्रदेश में आने की इच्छा जताई थी।
Published on:
24 Oct 2019 04:00 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
