
MP News: मध्यप्रदेश में इन दिनों जिले बनाने को लेकर जमकर खींचतान मची हुई है। अलग-अलग इलाकों के लोग नए जिले के गठित करने की मांग कर रहें हैं। सरकार ने भी सीमांकन के लिए परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है। बता दें कि, एमपी में जिलों की संख्या 52 से बढ़कर 55 हो गई है। ऐसे में कई तहसील, जिला, संभाग का नक्शा भी बदलने की तैयारी चल रही है। अगर नक्शा बदलता है तो आइए जानते हैं कैसी होगी प्रदेश की तस्वीर….
मध्यप्रदेश में अभी 55 जिले हैं। जिसमें मऊगंज, मैहर और पांढूर्णा साल 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले ही अस्तित्व में आए थे। रीवा जिले से अलग करके मऊगंज को जिला बनाया गया था। सतना जिले से मैहर को अलग करके जिला बनाया गया था। ऐसे ही छिंदवाड़ा से अलग करके पांढूर्णा को भी जिला बना दिया गया था। इससे पहले एमपी में सिर्फ 52 जिले हुआ करते थे। इन जिलों के अस्तित्व में आते ही और भी कई जिलों की मांग तेजी से उठने लगी।
मध्यप्रदेश की दो तहसीलों को जिला बनाने का फैसला कैबिनेट की बैठक में होने ही वाला था कि कई और जिलों की मांग होने लगी। जिस वजह से सरकार को परिसीमन आयोग का गठन करना पड़ा। जिस वजह से बीना और जुन्नारदेव जिला बनते-बनते रह गए। जबकि, राजस्व विभाग की ओर से आयोग को संदेश दिया गया था, लेकिन फिर दोनों जिलों को अस्तित्व में लाने का फैसला होल्ड पर डाल दिया गया।
नागदा को जिला बनाने का ऐलान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी। उस समय तय हुआ था कि नागदा को 4 तहसीलों और 422 गांवों मिलाकर जिला बनाया जाएगा। साथ ही इसमें 200 ग्राम पंचायतें भी शामिल करनी थी, लेकिन पिछले 16 साल से नागदा के नाम पर मुहर नहीं लग पाई है। 18 मार्च 2020 को कमलनाथ सरकार ने गुना से अलग करके चाचौड़ा को जिला बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अभी तक चाचौड़ा के जिला बनने का प्रस्ताव लंबित है।
डॉ मोहन यादव ने कहा था कि जब हमने सरकार बनाई तो इस बात पर ध्यान दिया कि मध्य प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। क्षेत्रफल तो है, लेकिन समय के साथ उसमें कई कठिनाइयां भी आई है। अब मध्यप्रदेश में जिले तो बढ़ गए लेकिन जिलों की सीमाओं में कई विसंगतियां हैं।
Updated on:
16 Dec 2024 05:07 pm
Published on:
16 Dec 2024 04:56 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
