12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अवैध तरीके से बेच दिए 15 बंधक प्लॉट, EOW की बड़ी कार्रवाई, तीन डायरेक्टरों पर FIR

MP News: डीएचएल इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के तीन डायरेक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज...EOW की बड़ी कार्रवाई...

2 min read
Google source verification
MP news

MP news (photo:patrika)

MP News: शासन के स्वामित्व में बंधक प्लॉट अवैध रूप से बेचने के मामले में डीएचएल इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के तीन डायरेक्टरों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने शिकंजा कसा है। जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में ईओडब्ल्यू ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है।

शुरुआती जांच में पता चला कि कंपनी के डायरेक्टरों ने सरकार के आधिपत्य में बंधक रखे भूखंडों को गलत तरीके से बेचकर खुद को फायदा और सरकारी खजाने को हानि पहुंचाई है। इन पर आरोप डीएचएल इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संतोष कुमार सिंह, संजीव जायसवाल और अनिरुद्ध देव को आरोपी बनाया गया है। जांच में कंपनी के कई अन्य संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं। ईओडब्ल्यू की टीम इनकी भूमिका की जांच कर रही है। जांच बढऩे के साथ ही आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।

जानें कैसे किया फर्जीवाड़ा

ईओडब्ल्यू (EOW) की जांच में पाया गया कि इंदौर के आइकॉनस लैंडमार्क-1 और आइकॉनस लैंडमार्क-2 प्रोजेक्ट के कुल 249 भूखंड विकास के बदले कॉलोनी सेल, इंदौर में सरकार के पक्ष में बंधक रखे गए थे। नियमों के मुताबिक इन भूखंडों का स्वामित्व कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने तक सरकार के पास ही रहता है। बिना अनुमति इनके विक्रय पर प्रतिबंध होता है।

इसके बावजूद कंपनी के डायरेक्टरों ने कायदों को धता बताते हुए 15 भूखंड बेच दिए। इस दौरान उनके द्वारा बिना किसी सूचना और कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना ही सौदा किया गया। खुलासा होने के बाद धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दस्तावेजों को खंगाल रही एजेंसी

भूखंडों के अवैध रूप से सौदा करने के इस फर्जीवाड़ा (SCAM) के खुलासा के बाद अब ईओडब्ल्यू की टीम संबंधित खरीदारों, संदिग्ध दस्तावेजों और सरकारी खजाने को हुए नुकसान का आकलन कर रही है। ईओडब्ल्यू की टीम के मुताबिक जांच में अभी कई और नाम सामने आ सकते हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।